वर्ल्ड न्यूज, अमर उजाला
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Sat, 10 Jul 2021 02:59 PM IST
सार
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस तूफान के कारण सैटेलाइट सिग्नलों में बाधा आ सकती है, जिससे विमानों की उड़ान, रेडियो सिग्नल, कम्यूनिकेशन पर बाधा पहुंचने की संभावना है।
सूरज
– फोटो : social media
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विस्तार
शक्तिशाली सौर तूफान 1609344 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। यह सौर तूफान रविवार या सोमवार को किसी भी समय पृथ्वी से टकरा सकता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस तूफान के कारण सैटेलाइट सिग्नलों में बाधा आ सकती है, जिससे विमानों की उड़ान, रेडियो सिग्नल, कम्यूनिकेशन और मौसम पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।
16 लाख किमी की रफ्तार से बढ़ रहा तूफान
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अनुमान है कि ये हवाएं 1609344 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं। नासा के मुताबिक, इसकी स्पीड और भी ज्यादा हो सकती है विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरिक्ष से महातूफान फिर आता है तो धरती के लगभग हर शहर से बिजली गुल हो सकती है।
रात में दिखेगी तेज रोशनी
मौसम आधारित एक वेबसाइट के अनुसार, सूरज के वायुमंडल से पैदा हुए इस सौर तूफान के कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभुत्व वाले अंतरिक्ष का एक क्षेत्र में काफी प्रभाव देखने को मिल सकता है। उत्तरी या दक्षिणी अक्षांशों पर रहने वाले लोग रात में सुंदर और तेज रोशनी देख सकते हैं।
तूफान का पृथ्वी पर क्या होगा असर?
सौर तूफान के कारण धरती का बाहरी वायुमंडल गर्म हो सकता है, जिसका सीधा असर सैटलाइट्स पर पड़ेगा। इससे जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है। पावर लाइन्स में करंट तेज हो सकता है जिससे ट्रांसफॉर्मर भी उड़ सकते हैं। हालांकि, आमतौर पर ऐसा कम होता है क्योंकि धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है। साथ ही आजकल कंप्यूटर ऑटोमेशन पर निर्भर हो गई है, ऐसे में पिछले तूफान के मुकाबले इस बार सौर तूफान का परिणाम कम भयावह हो सकता है। वर्ष 1989 में आए सौर तूफान की वजह से कनाडा के क्यूबेक शहर में 12 घंटे के के लिए बिजली गुल हो गई थी और लाखों लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा था।