सार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को फिक्की और यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा यहां आयोजित राउंड टेबल बैठक में दुनिया के बड़े कारोबारियों और निवेशकों को संबोधित किया। वित्त मंत्री ने कहा, वैश्विक आपूर्ति शृंखला के पुनर्जीवित होने और देश में स्पष्ट सोच और प्रतिबद्ध नेतृत्व होने के कारण भारत में सभी निवेशकों और उद्यमियों के लिए अपार अवसर मौजूद हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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अमेरिकी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से भेंट में भारत में अवसरों की जानकारी दी
शनिवार को फिक्की और यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा यहां आयोजित राउंड टेबल बैठक में दुनिया के बड़े कारोबारियों और निवेशकों को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने ये बात कही।
सीतारमण वाशिंगटन डीसी के अपने दौरे के बाद शुक्रवार को यहां पहुंचीं थी। वाशिंगटन में उन्होंने विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की सालाना बैठक में हिस्सा लिया था। सीतारमण ने अमेरिका के वित्त मंत्री जेनेट येलेन के साथ मिलकर वाशिंगटन में आठवें भारत-अमेरिका आर्थिक आौर वित्तीय साझेदारी वार्ता की सह अध्यक्षता भी की।
चुनौतीपूर्ण समय में भी भारत ने डिजिटाइजेशन का पूरा लाभ उठाया: सीतारमण
सीतारमण ने कहा, भारत में स्टार्टअप्स तेज रफ्तार से बढ़े हैं और इनमें से कई पूंजी बाजार से पैसे जमा कर रहे हैं। सिर्फ इसी साल 16 से अधिक कंपनियों को यूनिकॉर्न का दर्जा मिला है। सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी भारत ने डिजिटाइजेशन का पूरा लाभ उठाया है। वित्त क्षेत्र में तकनीक की भूमिका वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में है और फिनटेक कंपनियां इसमें अहम भूमिका अदा कर रही हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस दौरान मास्टरकार्ड के कार्यकारी अध्यक्ष अजय बंगा, मास्टरकार्ड के सीईओ माइकेल मेबाक, फेडएक्स कॉरपोरेशन के प्रेसिडेंट और सीओओ राज सुब्रह्मण्यम, सिटी के सीईओ जेन फ्रेजर और आईबीएम के चेयरमैन और सीईओ अरविंद कृष्ण, प्रुडेंशियल फाइनेंस इंक के अंतरराष्ट्रीय कारोबार प्रमुख और कार्यकारी वाइस प्रेसिडेंट स्कॉट स्लेस्टर और लेगाटम के मुख्य निवेश अधिकारी फिलिप वेसिलियो से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर के अंत में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान अलग-अलग क्षेत्र की अमेरिका की शीर्ष कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की थी। अब वित्त मंत्री सीतारमण की ये मुलाकातें बता रही हैं कि भारत सरकार देश में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए अमेरिकी कंपनियों पर कितना ध्यान केंद्रित कर रही है।