एजेंसी, वाशिंगटन।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 14 Jan 2022 01:54 AM IST
सार
राष्ट्रपति जो बाइडन के नामांकित करने के बाद गार्सेटी ने कहा था कि उन्हें नामांकन स्वीकार करते हुए गर्व महसूस हो रहा है और वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अपनी नई भूमिका को उसी ऊर्जा, प्रतिबद्धता और प्यार से निभाएंगे।
एरिक एम. गार्सेटी
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले साल जुलाई में गार्सेटी को नामांकित किया था। यदि सीनेट (उच्च सदन) में उनके नाम पर मुहर लग जाती है तो 50 वर्षीय गार्सेटी पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन के दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत रहे केनेथ जस्टर की जगह लेंगे।
गार्सेटी के अलावा सीनेट की शक्तिशाली विदेशी संबंध समिति ने 11 अन्य राजदूतों के नामांकन को भी मंजूरी दी। इनमें जर्मनी में अमेरिका के राजदूत के तौर पर एमी गुटमैन, पाकिस्तान में डोनाल्ड आर्मिन ब्लोम तथा होली सी में जोए डोनेली के नाम शामिल हैं। अब इन नामों को अंतिम मंजूरी के लिए सीनेट के पटल पर रखा जाएगा।
बाइडन के नामांकित करने के बाद गार्सेटी ने कहा था कि उन्हें नामांकन स्वीकार करते हुए गर्व महसूस हो रहा है और वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अपनी नयी भूमिका को उसी ऊर्जा, प्रतिबद्धता और प्यार से निभाएंगे। सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के अध्यक्ष बॉब मेनेंदेज ने इस पर नाराजगी जताई कि समिति के समक्ष 55 नामांकन अब भी लंबित हैं। उन्होंने कहा, जैसा कि मैंने इस समिति और सीनेट के समक्ष कई बार कहा है कि लंबे समय तक पदों को रिक्त रखना हमारे हित में नहीं है।
एक साल हिंदी व उर्दू भी पढ़ी
एरिक एम. गार्सेटी कई बार भारत गए हैं। उन्होंने कॉलेज में एक साल हिंदी और उर्दू भी पढ़ी है। गार्सेटी अमेरिकी नौसेना के रिजर्व कॉम्पोनेंट में खुफिया अधिकारी के तौर पर 12 साल तक विभिन्न पदों पर रहे और 2017 में लेफ्टिनेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए। गार्सेटी बाइडन के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के राष्ट्रीय सह-अध्यक्ष भी रह चुके हैं।