अमेरिका ने इस कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति की चिंताओं का हवाला दिया है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो ने कहा, वैश्विक व्यापार और वाणिज्य को शांति, समृद्धि और अच्छे वेतन वाली नौकरियों का समर्थन करना चाहिए, न कि राष्ट्रीय खतरा खड़ा करना चाहिए।
अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने बताया है कि चीन और पाकिस्तान में सक्रिय व्यक्तियों और संस्थाओं को पाकिस्तान की असुरक्षित परमाणु गतिविधियों या बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में शामिल होने के कारण इस सूची में जोड़ा गया है। अमेरिका का कहना है कि कुछ कंपनियां चीनी सेना के क्वांटम कंप्यूटिंग प्रोग्राम को विकसित करने में मदद कर रही हैं।
इन कंपनियों पर सैन्य प्रयोगों के लिए अमेरिकी वस्तुओं को हासिल करने की कोशिशों को आरोप अमेरिका ने लगाए हैं। अब अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय इन सामानों का चीन को निर्यात रोक देगा।
ताइवान पर तनाव के बीच यह बड़ा कदम
अमेरिका में चीन की एक दर्जन कंपनियों को कालीसूची में डालने की कार्रवाई ताइवान को लेकर बीजिंग से जारी तनाव के बीच एक बड़ा कदम है। इस माह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई ऑनलाइन बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई थी उनमें से एक दोनों देशों के बीच होने वाला व्यापार भी था। लेकिन इसके बावजूद अमेरिका ने चीनी कंपनियों पर यह कार्रवाई की है।
चीन, जापान, पाक, सिंगापुर की 27 फर्में लक्षित
इस संबंध में अमेरिका ने चीन, जापान, पाकिस्तान और सिंगापुर की 27 कंपनियों को कालीसूची में लक्षित किया है। इनमें जापान और सिंगापुर की दो फर्में शामिल हैं। चीनी टेलीकॉम कंपनी हुवावे को इस सूची में 2019 में शामिल किया गया था। दावा है कि इससे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इस कदम के कारण कंपनी के लिए मोबाइल फोन का उत्पादन करना मुश्किल हो गया था।
जापान सागर में चीन-रूस के साथ तनाव के बीच पांच देशों का युद्धाभ्यास
दक्षिण चीन सागर से जापान के पूर्वी सागर तक चीन और रूस के साथ जारी तनाव के बीच अमेरिका, जापान, कनाडा, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया की नौसेना युद्धाभ्यास कर रही है। यह नौसैन्य युद्धाभ्यास 30 नवंबर तक जारी रहेगा। जापानी सेना द्वारा आयोजित इस अभ्यास का नाम एनॉलेक्स 2021 का नाम दिया गया है।
हर साल होने वाले इस युद्धाभ्यास में इस दफा जर्मनी पहली बार जुड़ा है। यह अभ्यास ऐसे वक्त पर हो रहा है जब चीन लगातार इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व दिखाते हुए आसपास के द्वीपों पर कब्जा जमा रहा है और रूस के साथ मिलकर फाइटर जेट उड़ा रहा है।