न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 06 Nov 2021 09:22 AM IST
सार
कोवॉक्सिन ने आवेदन से पहले दो से 18 वर्ष तक के 526 बच्चों के ऊपर ट्रायल किया और उनसे प्राप्त नतीजों को एफडीए के समक्ष प्रस्तुत किया है।
भारत बायोटेक की कोवॉक्सिन
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विस्तार
ट्रायल के बाद किया आवेदन
भारत बायोटेक ने बताया कि एफडीआई को आवेदन भेजने से पहले भारत बायोटेक ने अपना दूसरा चरण का ट्रायल पूरा किया। यह ट्रायल दो से 18 साल के 526 बच्चों के ऊपर किया गया और इसी ट्रायल के नतीजों को एफडीआई के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। यह ट्रायल मई से जुलाई 2021 के बीच पूरा किया गया है। इसमें दो से 18 वर्ष तक के बच्चों के ऊपर टीके का परीक्षण किया गया और वैक्सीन की प्रभाविकता की जांच की गई। यह जांच तीन आयु वर्ग के समूहों के बीच की गई। इसमें बच्चों को 2-6 वर्ष, 6-12 वर्ष और 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में बांट दिया गया और 28 दिन के अंतराल में इन बच्चों को वैक्सीन की दोनों खुराकें दी गईं।
नहीं हुई कोई समस्या
526 बच्चों के ऊपर किए गए ट्रायल में यह सामने आया कि वैक्सीन के दोनों डोज लगाने के बाद बच्चों में कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं हुई। न ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि अगर किसी बच्चे को कोई समस्या आई थी तो, वह अपने आप 24 घंटे के अंदर खत्म हो गई। अधिकारियों का कहना है कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान के तहत भी कोवॉक्सिन की दोनों डोज ले चुके लोगों में कोई गंभीर समस्या की रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
वयस्कों के बराबर बनी एंडीबॉडी
अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण के बाद जो नतीजे सामने आए, उनमें यह देखा गया कि दो से 18 वर्ष तक के बच्चों में समान वही एंटीबॉडी बनी, जो वयस्कों में देखी गई थी।