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अमेरिका : अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक ने जो बाइडन और आईएमएफ से धन जारी करने की लगाई गुहार

अफगानिस्तान केंद्रीय बैंक के वरिष्ठ सदस्य शाह मेहराबी ने अमेरिका के वित्त विभाग और आईएमएफ से धन जारी करने की गुहार लगाई है। आर्थिक आपदा के मुहाने पर खड़े अफगानिस्तान की करीब 10 बिलियन डॉलर की संपत्ति अफगानिस्तान बैंक में जमा हैं, जिनमें से ज्यादातर विदेश में हैं।

हालांकि, इससे पहले बाइडन कह चुके हैं कि अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक की अमेरिका में मौजूद किसी भी संपत्ति को तालिबान को मुहैया नहीं कराया जाएगा। वहीं, आईएमएफ ने भी तालिबान की किसी भी तरह की मदद से इंकार किया है।

लेकिन, मैरिलैंड स्थिति मोंटगोमरी कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर व 2002 से बैंक के सदस्य शाह मेहराबी ने बताया कि अगर अफगानिस्तान को समय से मदद नहीं मिली तो यह नहीं टाली जा सकने वाली आर्थिक और मानवीय त्रासदी की तरफ बढ़ रहा है।

मेहराबी ने कहा कि वे तालिबान के लिए नहीं बोल रहे हैं, बल्कि बैंक के सदस्य के तौर पर यह बात रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे अमेरिकी नेताओं से मिलने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है जल्द ही उनकी वित्त विभाग के अधिकारियों से बातचीत होगी।

अगर अफगानिस्तान में आर्थिक त्रासदी को रोकना है तो इसका एक ही तरीका है कि अफगानिस्तान के आर्थिक संसाधनों पर तालिबान को सीमित पहुंच दी जाए। ऐसा नहीं करने से सीधे तौर पर तमाम मासूम अफगानी लोग प्रभावित होंगे।

मेहराबी तालिबान को हर माह सौ से सवा सौ मिलियन डॉलर मुहैया कराने का प्रस्ताव रख रहे हैं। इसके अलावा इस धन के इस्तेमाल का स्वतंत्र लेखा परीक्षण भी कराने की सलाह देते हैं।

उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन को इस मामले में तालिबान के साथ उसी तरह मोलभाव करना चाहिए, जैसे तालिबान ने अमेरिका की निकासी के मसले पर किया। उनका कहना है कि तालिबान अफीम और अमेरिकी सेना के उपकरणों को बेचकर गुजारा कर लेगा, लेकिन आम लोगों का जीवन मुश्किल हो जाएगा।

दो दशक के अमेरिकी दखल के बाद अफगानिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था डॉलर पर निर्भर है और आयात के लिए भी इसकी जरूरत पड़ती है। मेहराबी कहते हैं कि इस मसले पर उनकी किसी तालिबानी प्रतिनिधि से तो बात नहीं हुई, लेकिन अफगानिस्तान में बैंक के रोजमर्रा के संचालन से जुड़े साथियों से बात होती है।

वहीं काबुल पर तालिबानी कब्जे से पहले तक बैंक के प्रमुख रहे अजमल अहमदी कहते हैं कि अफगानिस्तान बैंक के करीब सात बिलियन डॉलर नकद, सोना, बॉन्ड व अन्य निवेश के तौर अमेरिका के फेडरल बैंक में जमा हैं। शेष राशि अंतरराष्ट्रीय बैंक खातों में मौजूद हैं। तालिबान की पहुंच सिर्फ 0.2 फीसदी से भी कम संपत्ति तक है।

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