एजेंसी, काबुल
Published by: Kuldeep Singh
Updated Wed, 18 Aug 2021 04:11 AM IST
रतन नाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार
– फोटो : twitter
अफगानिस्तान में तालिबान के कट्टर इस्लामी शासन स्थापित करने की घोषणा के बावजूद जहां स्थानीय निवासी देश छोड़कर भाग रहे हैं, वहीं एक भारतीय पुजारी ने इस संकट में भी अपना मंदिर छोड़ने से इनकार कर दिया है।
काबुल में मौजूद आखिरी भारतीय पुजारी ने किया भारत आने से इनकार
काबुल के रतन नाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार ने कहा है कि वह भगवान को छोड़ने के बजाय तालिबान के हाथों मरना पसंद करेंगे। पंडित राजेश की बात एक ट्विटर हैंडल ने सोशल मीडिया पर साझा की है।
उसमें उन्होंने भारत आने के लिए बहुत सारे हिंदुओं की तरफ से मदद देने का प्रस्ताव दिए जाने की बात कही। साथ ही कहा, मैं पुरखों के इस मंदिर को नहीं छोडू़ंगा, जहां मेरे बुजुर्गों ने सैकड़ों सालों से भगवान की सेवा की है। उन्होंने कहा, मैं मंदिर नहीं छोड़ूूंगा, यदि तालिबान मुझे मार देते हैं तो मैं इसे मेरी (भगवान के लिए) सेवा ही समझूंगा।
विस्तार
अफगानिस्तान में तालिबान के कट्टर इस्लामी शासन स्थापित करने की घोषणा के बावजूद जहां स्थानीय निवासी देश छोड़कर भाग रहे हैं, वहीं एक भारतीय पुजारी ने इस संकट में भी अपना मंदिर छोड़ने से इनकार कर दिया है।
काबुल में मौजूद आखिरी भारतीय पुजारी ने किया भारत आने से इनकार
काबुल के रतन नाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार ने कहा है कि वह भगवान को छोड़ने के बजाय तालिबान के हाथों मरना पसंद करेंगे। पंडित राजेश की बात एक ट्विटर हैंडल ने सोशल मीडिया पर साझा की है।
उसमें उन्होंने भारत आने के लिए बहुत सारे हिंदुओं की तरफ से मदद देने का प्रस्ताव दिए जाने की बात कही। साथ ही कहा, मैं पुरखों के इस मंदिर को नहीं छोडू़ंगा, जहां मेरे बुजुर्गों ने सैकड़ों सालों से भगवान की सेवा की है। उन्होंने कहा, मैं मंदिर नहीं छोड़ूूंगा, यदि तालिबान मुझे मार देते हैं तो मैं इसे मेरी (भगवान के लिए) सेवा ही समझूंगा।
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