एजेंसी, काबुल।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 24 Nov 2021 01:39 AM IST
सार
मौलवी शहाबुद्दीन डेलावर को खनन और पेट्रोलियम मंत्री व मुल्ला मोहम्मद अब्बास अखुंद को आपदा प्रबंधन मंत्री बनाया गया है।
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विस्तार
तालिबान शासन में इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता इनामुल्ला सामंगनाई ने कहा कि वर्तमान में अफगानिस्तान के अधिकांश राजनयिक मिशन पूर्व सरकार द्वारा नियुक्त दूत चला रहे हैं। इस संबंध में हम विदेशों में अफगानिस्तान के दूतावासों के संपर्क में हैं। जल्द ही गतिविधियों में सुधार होगा और पुरानों की जगह कुछ नए लोगों की पेशकश की जाएगी।
इस बीच, मंगलवार को हुए अंतरिम मंत्रिमंडल के विस्तार में जिन 27 सदस्यों को जोड़ा गया है उसके बारे में सरकारी प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि ये नियुक्तियां तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा के आदेशों के अनुपालन में हुई हैं। इस सूची में मंत्रियों और उपमंत्रियों समेत दो दर्जन से ज्यादा उच्च स्तरीय अफसरों के नाम शामिल हैं।
दूतावासों में नई नियुक्तियां संभव नहीं : पूर्व राजदूत
विदेशों में अफगानिस्तान के राजनयिक मिशनों में नए दूत व अफसरों की नियुक्ति पर नॉर्वे में देश के पूर्व राजदूत शुक्रिया बराकजई ने कहा कि तालिबान द्वारा राजनयिक मिशनों में नई नियुक्ति तब तक संभव नहीं है, जब तक कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस्लामिक अमीरात को मान्यता नहीं देता।
वहीं एक राजनीतिक कार्यकर्ता अहमद खान अंदर ने कहा, अगर (काबुल) के उन दूतावासों के साथ अच्छे राजनीतिक संबंध नहीं हैं, तो वे दूतावास अपना काम ठीक से नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन और दूतावासों के खर्च के लिए बजट की जरूरत है।
अमेरिका ने आईएस के 3 शीर्ष नेताओं को कालीसूची में डाला
अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट (खुरासान) आईएस-के के तीन शीर्ष कमांडरों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि काली सूची में डाले गए आतंकियों में सनाउल्लाह गफारी, सुल्तान अजीज आजम और मौलवी रजब शामिल हैं। अमेरिका ने इन तीनों को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकियों की सूची में इसलिए डाला है ताकि अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मंच न बन सके।
गफारी को आईएस-के गुट में शाहब अल-मुहाजिर नाम से भी जाना जाता है जिसे 2020 में गुट की कमान सौंपी गई थी। अजीज आजम आईएस-के में प्रवक्ता है जबकि मौलवी रजब गुट का काबुल में शीर्ष नेता है जो इस प्रांत में हमले का आदेश देता है। ब्लैकलिस्ट होने के बाद ये तीनों आतंकी अमेरिका में किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकेंगे।