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अध्ययन: मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन दूसरी डोज के पांच महीने बाद अधिक प्रभावी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लॉस एंजेलिस
Published by: मुकेश कुमार झा
Updated Thu, 02 Dec 2021 02:57 PM IST

सार

Moderna Covid vaccine: अध्ययन के मुताबिक, मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन संक्रमण को रोकने में 87 फीसदी, गंभीर बीमारी के खिलाफ 95 फीसदी और मृत्यु के खिलाफ 98 फीसदी तक प्रभावशाली है।

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एक अध्ययन के मुताबिक, मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन दूसरी डोज के पांच महीने बाद अधिक प्रभावी है। इसके मुताबिक, मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन संक्रमण को रोकने में 87 फीसदी, गंभीर बीमारी के खिलाफ 95 फीसदी और मृत्यु के खिलाफ 98 फीसदी तक प्रभावशाली है। अमेरिकी जर्नल ‘द लैंसेट रीजनल हेल्थ’ में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, अध्ययन में पाया गया है कि मॉडर्ना की वैक्सीन दूसरी डोज के पांच महीने बाद अधिक प्रभावी है। दरअसल, अध्ययन में उम्र, लिंग, जाति के आधार पर 3,52,878 लोगों की तुलना (दोनों डोज ले चुके) इतने ही लोगों से की गई है, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लिए हैं। अध्ययन में वैक्सीनेटेड लोगों को 18 दिसंबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक मॉडर्ना वैक्सीन की दो खुराकें मिलीं। 

अध्ययन में जितने लोगों को शामिल किया गया था, इनमें से 289 लोग संक्रमित पाए गए, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थी। वहीं 1144 वो लोग संक्रमित पाए गए, जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी।  शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता 87 फीसदी थी। इसके अलावा गंभीर बीमारी के खिलाफ 95 फीसदी और मृत्यु के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता 98 फीसदी थी। बता दें कि इस वक्त कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने पूरे विश्व में एक अलग चिंता पैदा कर दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जो लो वैक्सीनेटेड हैं, उन्हें भी ओमिक्रॉन से खतरा है? फिलहाल इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। हाल ही में मॉडर्ना ने कहा कि आवश्यक पड़ने पर ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए एक नया टीका 2022 की शुरुआत तक तैयार हो सकता है।

विस्तार

एक अध्ययन के मुताबिक, मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन दूसरी डोज के पांच महीने बाद अधिक प्रभावी है। इसके मुताबिक, मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन संक्रमण को रोकने में 87 फीसदी, गंभीर बीमारी के खिलाफ 95 फीसदी और मृत्यु के खिलाफ 98 फीसदी तक प्रभावशाली है। अमेरिकी जर्नल ‘द लैंसेट रीजनल हेल्थ’ में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, अध्ययन में पाया गया है कि मॉडर्ना की वैक्सीन दूसरी डोज के पांच महीने बाद अधिक प्रभावी है। दरअसल, अध्ययन में उम्र, लिंग, जाति के आधार पर 3,52,878 लोगों की तुलना (दोनों डोज ले चुके) इतने ही लोगों से की गई है, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लिए हैं। अध्ययन में वैक्सीनेटेड लोगों को 18 दिसंबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक मॉडर्ना वैक्सीन की दो खुराकें मिलीं। 

अध्ययन में जितने लोगों को शामिल किया गया था, इनमें से 289 लोग संक्रमित पाए गए, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थी। वहीं 1144 वो लोग संक्रमित पाए गए, जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी।  शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता 87 फीसदी थी। इसके अलावा गंभीर बीमारी के खिलाफ 95 फीसदी और मृत्यु के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता 98 फीसदी थी। बता दें कि इस वक्त कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने पूरे विश्व में एक अलग चिंता पैदा कर दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जो लो वैक्सीनेटेड हैं, उन्हें भी ओमिक्रॉन से खतरा है? फिलहाल इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। हाल ही में मॉडर्ना ने कहा कि आवश्यक पड़ने पर ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए एक नया टीका 2022 की शुरुआत तक तैयार हो सकता है।

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