वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 15 Jan 2022 11:11 AM IST
सार
नतीजों में सामने आया है कि पिछले वैरिएंट की तुलना में वैश्विक स्तर पर ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने व मृत्यु दर कम है। वहीं ऐसे मरीज गंभीर रूप से बीमार होने से भी बच गए हैं।
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : Social Media
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट पर सामने आए एक और नए अध्ययन ने विशेषज्ञों को चौंका दिया है। दावा किया जा रहा है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगों, यहां तक कि जिन्होंने वैक्सीन नहीं भी लगवाई है, उनके गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा कम है। वहीं पहले के वैरिएंट की तुलना मेंं अस्पताल में भर्ती होने या फिर मौत की आशंका भी कम है। यह दावा शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के अध्ययन में किया गया है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज(NICD) द्वारा पहले की तीन कोरोना वेब में संक्रमित हुए 11,600 लोगों व 5100 ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगों पर अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है। नतीजों में सामने आया है कि पिछले वैरिएंट की तुलना में वैश्विक स्तर पर ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने व मृत्यु दर कम है। वहीं ऐसे मरीज गंभीर रूप से बीमार होने से भी बच गए हैं। हालांकि, वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह कोरोना टीकाकरण के कारण है या फिर ओमिक्रॉन अन्य वैरिएंट के मुकाबले कम खतरनाक है।
अध्ययन से प्राथमिक निष्कर्ष निकाला गया है कि टीकाकरण या फिर पूर्व संक्रमण के कारण शरीर में बनी प्रतिरक्षा ने ओमिक्रॉन से हमें सुरक्षित किया है। इससे डेल्टा वैरिएंट की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने या फिर मृत्यु दर में 25 प्रतिशत जोखिम कम हुआ है।
विस्तार
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट पर सामने आए एक और नए अध्ययन ने विशेषज्ञों को चौंका दिया है। दावा किया जा रहा है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगों, यहां तक कि जिन्होंने वैक्सीन नहीं भी लगवाई है, उनके गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा कम है। वहीं पहले के वैरिएंट की तुलना मेंं अस्पताल में भर्ती होने या फिर मौत की आशंका भी कम है। यह दावा शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के अध्ययन में किया गया है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज(NICD) द्वारा पहले की तीन कोरोना वेब में संक्रमित हुए 11,600 लोगों व 5100 ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगों पर अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है। नतीजों में सामने आया है कि पिछले वैरिएंट की तुलना में वैश्विक स्तर पर ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने व मृत्यु दर कम है। वहीं ऐसे मरीज गंभीर रूप से बीमार होने से भी बच गए हैं। हालांकि, वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह कोरोना टीकाकरण के कारण है या फिर ओमिक्रॉन अन्य वैरिएंट के मुकाबले कम खतरनाक है।
अध्ययन से प्राथमिक निष्कर्ष निकाला गया है कि टीकाकरण या फिर पूर्व संक्रमण के कारण शरीर में बनी प्रतिरक्षा ने ओमिक्रॉन से हमें सुरक्षित किया है। इससे डेल्टा वैरिएंट की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने या फिर मृत्यु दर में 25 प्रतिशत जोखिम कम हुआ है।
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