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अध्ययन में दावा: ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी है टीके की बूस्टर खुराक, बुजुर्गों में भी दिखी उच्च स्तरीय सुरक्षा

सार

कोरोना वायरस के नए और अधिक संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद टीके की बूस्टर खुराक पर इस समय खूब चर्चा हो रही है। यूके के एक हालिया अध्ययन में पता चला है कि बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन के खिलाफ खासी प्रभावी सिद्ध हो रही है।

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पेक्सेल्स

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यूनाइटेड किंगडम (यूके) में किए गए एक ताजा अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना वायरस रोधी टीके की तीसरी यानी बूस्टर खुराक उम्रदराज लोगों में इस वायरस के नए और अधिक संक्रामक वैरिएंट के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा उपलब्ध कराती है। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) की ओर से कराए गए इस अध्ययन में पता चला है कि तीसरी खुराक के लगभग तीन महीने बाद 65 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों में अस्पताल में भर्ती होने के खिलाफ सुरक्षा करीब 90 फीसदी तक रहती है।
लेकिन, जहां टीके की बूस्टर खुराक से गंभीर बीमारी के खिलाफ मिलने वाली सुरक्षा की अवधि उच्च स्तर की रहती है वहीं, हल्के और सिम्टोमैटिक (लक्षण वाले) संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा कम हो जाती है और तीन महीने के बाद तक 30 फीसदी तक गिर जाती है। इस अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों का परीक्षण किया गया जिन्हें यूके के बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम के शुरुआती दौर में टीका लगाया गया था। इस बूस्टर टीकाकरण की शुरुआत यूके सरकार ने पिछले साल सितंबर के मध्य में की थी।

शुरुआती दो खुराकों से मिलने वाली सुरक्षा जल्दी हो जाती है कमजोर
अध्ययन में यह भी सामने आया है कि ओमिक्रॉन से गंभीर संक्रमण के खिलाफ टीके क शुरुआती दो खुराकों से मिलने वाली सुरक्षा कुछ महीनों में ही हल्की हो जाती है। केवल दो खुराकें लगवाने के तीन महीने बाद गंभीर संक्रमण के खिलाफ मिलने वाली सुरक्षा 70 फीसदी तक तथा छह महीने बाद और 50 फीसदी तक कम हो जाती है। ब्रिटेन में कोरोना के मामले रिकॉर्ड रफ्तार से बढ़े हैं और यहां टीके की चौथी खुराक देने के प्रस्ताव चर्चा हो रही थी, जिसे यह आंकड़े सामने आने के बाद स्थगित कर दिया गया है।

कोरोना टीके की चौथी खुराक दिए जाने की अभी कोई जरूरत नहीं
वर्तमान आंकड़े बताते हैं कि बूस्टर खुराक गंभीर संक्रमण के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा उपलब्ध करा रही है। इसलिए यूके की टीकाकरण और प्रतिरक्षाकरण पर संयुक्त समिति (जेसीवाई) ने फैसला लिया है कि दूसरी बूस्टर खुराक लाने की अभी कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, समिति इसकी समीक्षा करती रहेगी। जेसीवाई के अध्यक्ष प्रो. वेई शेन लिम ने कहा कि हमने अभी टीके की दूसरी बूस्टर खुराक लाने का प्रस्ताव टाल दिया है, लेकिन भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इसकी समीक्षा लगातार जारी रहेगी।

शुक्रवार को मिले डेढ़ लाख से ज्यादा नए मामले, हालात बहुत गंभीर
उन्होंने कहा कि आंकड़े बहुत प्रोत्साहित करने वाले हैं और बूस्टर खुराक के महत्व को रेखांकित करने वाले हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट इस समय पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है, ऐसे में मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वह टीके की बूस्टर खुराक लेने के लिए आगे हैं। अगर आपने अभी तक टीकाकरण नहीं करवाया है तो शुरुआती दो खुराकें जल्द से जल्द लगवाएं। ब्रिटेन में इस समय कोरोना के मामले बहुत तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को यहां कोरोना संक्रमण के एक लाख 78 हजार 250 नए मामले दर्ज किए गए थे।

विस्तार

यूनाइटेड किंगडम (यूके) में किए गए एक ताजा अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना वायरस रोधी टीके की तीसरी यानी बूस्टर खुराक उम्रदराज लोगों में इस वायरस के नए और अधिक संक्रामक वैरिएंट के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा उपलब्ध कराती है। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) की ओर से कराए गए इस अध्ययन में पता चला है कि तीसरी खुराक के लगभग तीन महीने बाद 65 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों में अस्पताल में भर्ती होने के खिलाफ सुरक्षा करीब 90 फीसदी तक रहती है।

लेकिन, जहां टीके की बूस्टर खुराक से गंभीर बीमारी के खिलाफ मिलने वाली सुरक्षा की अवधि उच्च स्तर की रहती है वहीं, हल्के और सिम्टोमैटिक (लक्षण वाले) संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा कम हो जाती है और तीन महीने के बाद तक 30 फीसदी तक गिर जाती है। इस अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों का परीक्षण किया गया जिन्हें यूके के बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम के शुरुआती दौर में टीका लगाया गया था। इस बूस्टर टीकाकरण की शुरुआत यूके सरकार ने पिछले साल सितंबर के मध्य में की थी।

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