भारतीय अर्थव्यवस्था (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। वैश्विक रिसर्च फर्म गोल्डमैन सॉक्स ने आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी को देखते हुए चालू वित्तवर्ष के विकास दर अनुमान में सुधार किया है। एजेंसी ने कहा है कि इस साल जीडीपी में करीब 10 फीसदी गिरावट रहेगी, तो अगले साल यह 13 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगी।
गोल्डमैन सॉक्स के मुताबिक, अक्तूबर में परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की वृद्धि दर 13 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 58 अंक तक पहुंच गया। इतना ही नहीं औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) भी छह महीने में पहली बार बढ़ा है और सितंबर में 0.2 फीसदी की तेजी आई है। सुधार के इन संकेतों को देखते हुए 2020-21 के विकास दर अनुमानों में भी सुधार करना होगा।
फर्म ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है। सितंबर में एजेंसी ने 14.8 फीसदी गिरावट का अनुमान जताया था। अब इसमें 4.5 फीसदी का सुधार किया है। फर्म ने कहा कि अगले वित्तवर्ष 2021-22 में भारती की जीडीपी 13 फीसदी की तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगी। यह दुनिया में सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहेगी।
मूडीज ने भी सुधारा अनुमान
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था में आए तेज सुधारों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष के लिए विकास दर अनुमान में सुधार किया था। मूडीज ने कहा था कि सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 फीसदी की गिरावट आ सकती है, लेकिन पिछले सप्ताह इसे सुधारकर 8.9 फीसदी कर दिया था। इसके अलावा आरबीआई ने भी चालू वित्तवर्ष में जीडीपी में 9.5 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया है। हालांकि, रेटिंग एजेंसियों का कहना है कि वित्तवर्ष की दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड तेजी आएगी और अगले साल यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। वैश्विक रिसर्च फर्म गोल्डमैन सॉक्स ने आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी को देखते हुए चालू वित्तवर्ष के विकास दर अनुमान में सुधार किया है। एजेंसी ने कहा है कि इस साल जीडीपी में करीब 10 फीसदी गिरावट रहेगी, तो अगले साल यह 13 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगी।
गोल्डमैन सॉक्स के मुताबिक, अक्तूबर में परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की वृद्धि दर 13 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 58 अंक तक पहुंच गया। इतना ही नहीं औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) भी छह महीने में पहली बार बढ़ा है और सितंबर में 0.2 फीसदी की तेजी आई है। सुधार के इन संकेतों को देखते हुए 2020-21 के विकास दर अनुमानों में भी सुधार करना होगा।
फर्म ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है। सितंबर में एजेंसी ने 14.8 फीसदी गिरावट का अनुमान जताया था। अब इसमें 4.5 फीसदी का सुधार किया है। फर्म ने कहा कि अगले वित्तवर्ष 2021-22 में भारती की जीडीपी 13 फीसदी की तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगी। यह दुनिया में सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहेगी।
मूडीज ने भी सुधारा अनुमान
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था में आए तेज सुधारों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष के लिए विकास दर अनुमान में सुधार किया था। मूडीज ने कहा था कि सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 फीसदी की गिरावट आ सकती है, लेकिन पिछले सप्ताह इसे सुधारकर 8.9 फीसदी कर दिया था। इसके अलावा आरबीआई ने भी चालू वित्तवर्ष में जीडीपी में 9.5 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया है। हालांकि, रेटिंग एजेंसियों का कहना है कि वित्तवर्ष की दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड तेजी आएगी और अगले साल यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
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