परीक्षित निर्भय, नई दिल्ली
Updated Tue, 17 Nov 2020 08:17 AM IST
कोरोना वैक्सीन – प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : Amar Ujala
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अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने हाल ही में कोरोना का टीका खोजने और इसे 70 डिग्री सेल्सियस तक रखने की घोषणा की थी। इसे लेकर भारत में कोल्डचेन व्यवस्था पर सवाल भी खड़े हुए। लेकिन अब सरकार वैक्सीन को लेकर कंपनियों के दावों पर भरोसा नहीं कर रही है। जब तक नियामक मंजूरी नहीं मिलती, तब तक सरकार उक्त कंपनी के दावों पर विचार नहीं करेगी।
देश में कोल्डचेन को लेकर फिलहाल सरकार चिंतित नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अलग-अलग दावे कर रही हैं। कोई 70 तो कोई – 2 से – 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में वैक्सीन को सुरक्षित रखे जाने की पुष्टि कर रहा है। लेकिन जमीनी स्तर पर कोल्डचेन को लेकर तभी काम किया जा सकता है जब किसी एक दावे पर भरोसा किया जा सके।
दरअसल, फाइजर टीम के वैज्ञानिक उगूर साहिन ने हाल ही में कहा है कि वैक्सीन वायरस पर कड़ा प्रहार करेगी और महामारी को खत्म कर देगी। वैक्सीन का पूरा डाटा तीन हफ्ते में आ सकता है। वैक्सीन एक साल के लिए सुरक्षा देगी और हर साल एक बूस्टर की जरूरत पड़ सकती है।
देश में कोल्डचेन को लेकर राष्ट्रीय इस टास्क फोर्स के भी सदस्य ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा देश में कोल्डचेन प्रबंधन को लेकर दिक्कतें हैं। हालांकि, इन चुनौतियों पर कोई फैसला लेना फिलहाल जल्दबाजी हो सकता है।
वैक्सीन में भारत आत्मनिर्भर
कोरोना की वैक्सीन को लेकर भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। टास्क फोर्स से जुड़े अफसरों का कहना है कि अलग-अलग देशों के दावों पर भरोसा करने की जगह सरकार स्वदेशी कंपनियों पर ज्यादा ध्यान दे रही है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इन्हीं कंपनियों की वैक्सीन देश के करोड़ों लोगों को उपलब्ध होगी।
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने हाल ही में कोरोना का टीका खोजने और इसे 70 डिग्री सेल्सियस तक रखने की घोषणा की थी। इसे लेकर भारत में कोल्डचेन व्यवस्था पर सवाल भी खड़े हुए। लेकिन अब सरकार वैक्सीन को लेकर कंपनियों के दावों पर भरोसा नहीं कर रही है। जब तक नियामक मंजूरी नहीं मिलती, तब तक सरकार उक्त कंपनी के दावों पर विचार नहीं करेगी।
देश में कोल्डचेन को लेकर फिलहाल सरकार चिंतित नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अलग-अलग दावे कर रही हैं। कोई 70 तो कोई – 2 से – 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में वैक्सीन को सुरक्षित रखे जाने की पुष्टि कर रहा है। लेकिन जमीनी स्तर पर कोल्डचेन को लेकर तभी काम किया जा सकता है जब किसी एक दावे पर भरोसा किया जा सके।
दरअसल, फाइजर टीम के वैज्ञानिक उगूर साहिन ने हाल ही में कहा है कि वैक्सीन वायरस पर कड़ा प्रहार करेगी और महामारी को खत्म कर देगी। वैक्सीन का पूरा डाटा तीन हफ्ते में आ सकता है। वैक्सीन एक साल के लिए सुरक्षा देगी और हर साल एक बूस्टर की जरूरत पड़ सकती है।
देश में कोल्डचेन को लेकर राष्ट्रीय इस टास्क फोर्स के भी सदस्य ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा देश में कोल्डचेन प्रबंधन को लेकर दिक्कतें हैं। हालांकि, इन चुनौतियों पर कोई फैसला लेना फिलहाल जल्दबाजी हो सकता है।
वैक्सीन में भारत आत्मनिर्भर
कोरोना की वैक्सीन को लेकर भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। टास्क फोर्स से जुड़े अफसरों का कहना है कि अलग-अलग देशों के दावों पर भरोसा करने की जगह सरकार स्वदेशी कंपनियों पर ज्यादा ध्यान दे रही है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इन्हीं कंपनियों की वैक्सीन देश के करोड़ों लोगों को उपलब्ध होगी।
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