संयुक्त राष्ट्र परिषद में अपने पहले संबोधन में जेलेंस्की ने कहा, रूसी सैनिकों ने ढूंढकर उन लोगों की जान ली जिन्होंने हमारे देश के लिए काम किया। अपराध करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी। रूस की क्रूरता का विवरण देते हुए उन्होंने कहा, यह कुछ हिस्से पर कब्जा करने वाले दाएश जैसे आतंकियों से अलग नहीं है। यहां तो यह काम यूएन सुरक्षा परिषद के एक सदस्य (रूस) द्वारा ऐसा किया गया। जिसने एक देश की आंतरिक एकता, सीमाओं और देशों को बर्बाद कर दिया।
वीटो का मतलब मरने का अधिकार
जेलेंस्की ने कहा, हम ऐसी स्थिति से रूबरू हो रहे हैं जिसने सुरक्षा परिषद में मरने के अधिकार का वीटो लागू कर दिया है। यह वैश्विक सुरक्षा के पूरे ढांचे को कमजोर करता है। यह ऐसे अपराध करने वालों को बिना सजा दिए बरी करता है। जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र की इस प्रणाली में तत्काल सुधार करने पर जोर दिया ताकि वीटो का मतलब मरने का अधिकार न हो। उन्होंने कहा, रूसी सेना और उन्हें आदेश देने वालों को तुरंत कानून के दायरे में लाकर यूक्रेन में युद्ध अपराध के लिए सजा दी जानी चाहिए।
तबाही के मंजर वाला वीडियो भी चलाया
जेलेंस्की ने अपने संबोधन के बाद यूक्रेन में तबाही का मंजर बयां करने वाला वीडियो सुरक्षा परिषद में चलाने का आग्रह किया। वीडियों में शवों से भरे ताबूत सड़कों पर बिखरे पड़े हैं। लोगों का अंतिम संस्कार करने की भी जगह नहीं बची है। पूरे यूक्रेन में जली हुई लाशें पड़ी हैं और शहर के शहर कब्रिस्तान में बदल गए हैं। बहुत सारी लाशें ऐसी भी हैं जिनमें हाथ पीछे बंधे हैं और मुंह में कपड़ा ठूंसा गया है, इनमें कई बच्चे भी शामिल थे।
सुरक्षा परिषद की गारंटी वाली सुरक्षा आखिर है कहां
जेलेंस्की ने अपने 20 मिनट के संबोधन में पूछा, आखिर वह सुरक्षा कहां है जिसकी गारंटी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद देती है। यह सुरक्षा कहीं नहीं है। सुरक्षा परिषद तो है लेकिन शांति कहां है। उन्होंने परिषद से पत्रकारों के लिए अधिकतम पहुंच और पूर्ण सत्य व पूर्ण जवाबदेही के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की भागीदारी की मांग की। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस युद्ध अपराध के दोषी बिना सजा के न छूट जाएं।
ऐसी सजा मिले जो अन्य अपराधियों के लिए नजीर बने
जेलेंस्की ने कहा, जो लोग खुद को विशेषाधिकार प्राप्त मानते हैं और समझते हैं कि वह किसी भी चीज से भाग सकते हैँ। उन्हें ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो दुनिया के अन्य अपराधियों के लिए नजीर बने। उन्होंने कहा, दुनिया में अन्य सभी संभावित युद्ध अपराधियों को दिखाया जाना चाहिए कि उन्हें कैसे दंडित किया जाएगा। अगर सबसे बड़े अपराधी को सजा होती है तो हर किसी को सजा होगी।
अगर युद्ध यूं ही जारी रहे तो यूएन को बंद कर देना चाहिए
जेलेंस्की ने कहा, अगर युद्ध और बर्बरता यूं ही जारी रहती है और राष्ट्रों को इसी तरह अपनी सुरक्षा के लिए खुद की ताकत पर ही निर्भर रहना है, अंतरराष्ट्रीय कानून और संस्थाएं उनके लिए कुछ नहीं कर सकतीं तो ऐसे में संयुक्त राष्ट्र को बंद किया जा सकता है। उन्होंने पूछा, क्या आप यूएन को बंद करने के लिए तैयार हैं? क्या आपको लगता है कि अंतरराष्ट्रीय कानून का समय अब खत्म हो गया? अगर आपका जवाब न हो तो आपको तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है। यूएन चार्टर को तुरंत पुनस्थापित किया जाना चाहिए।
भारत ने की बूका में हत्याओं की निंदा, स्वतंत्र जांच की मांग का किया समर्थन
भारत ने संयुक्त राष्ट्र परिषद की मंगलवार को यूक्रेन पर हुई सभा में बूका में हुई हत्याओं की निंदा की और इसकी स्वतंत्र जांच कराने की मांग का समर्थन किया। भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, यूक्रेन के बूका शहर में लोगों की हत्याएं बुरी तरह परेशान करने वाली हैं। इसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
तिरुमूर्ति ने कहा, जब भी निर्दोष इंसानों की जिंदगी दांव पर हो, तब कूटनीति ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प बचता है। यूक्रेन के हालात में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को नहीं मिला है। वहां सुरक्षा की स्थिति लगातार बिगड़ ही रही है और मानव जाति को नुकसान बढ़ता जा रहा है। बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के शामिल होने पर उन्हें धन्यवाद देते हुए तिरुमूर्ति ने कहा, हम बूका में हुई हत्याओं की घोर निंदा करते हैं।
बूका में हत्याओं के बर्बर मंजर कभी भुला नहीं पाऊंगा: गुतेरस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा, मैं बूका के भयावह दृश्यों और हत्याओं के बर्बर मंजर को कभी भुला नहीं पाऊंगा। मैं इस हत्याकांड की जवाबदेही तय करने के लिए स्वतंत्र जांच की मांग करता हूं। इसके अलावा यूक्रेन में दुष्कर्मों और यौन उत्पीड़न की खबरों से आहत हुआ हूं। तबाही का जो मंजर तमाम वीडियो में देखने को मिल रहा है। उसकी पूरी दुनिया में निंदा हो रही है और सभी देश रूस के खिलाफ कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
शवों को देख जेलेंस्की बोले- अब शांतिवार्ता की गुंजाइश कम
रूस-यूक्रेन युद्ध मंगलवार को 41वें दिन में प्रवेश कर गया लेकिन अब भी कई इलाकों में हमले जारी हैं। बूका में जगह-जगह बिखरे शवों ने पूरी दुनिया को झकझोरा। वहीं, बूका पहुंचे यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भावुक हो गए और बोले, अब रूस से शांतिवार्ता की गुंजाइश बहुत कम है। हालांकि युद्ध रोकने के लिए उन्होंने वार्ता जरूरी बताई। रूसी हमले देखते हुए डेनमार्क ने रूस के 15 व इटली ने 30 राजनयिक निष्कासित कर दिए हैं।
जेलेंस्की ने सड़कों पर बिखरे शवों को देखकर कहा, अब यूक्रेन अपने नागरिकों की हत्या का बदला जरूर लेगा। उधर, यूक्रेन के महा-अभियोजक ने बोरड्यांका ने हालात बूका से भी बुरे हैं। हालांकि उन्होंने मृतकों की संख्या नहीं बताई। इसके अलावा, मायकोलेइव के मेयर अलेक्जेंडर सेनकेविच ने कहा, रूसी हमले में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 46 लोग घायल है।
इस बीच, डेनमार्क ने बूका से मिली रिपोर्टों के बाद 15 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। इटली ने भी रूस के 30 राजनयिकों को सुरक्षा की आशंका के चलते निष्कासित कर दिया है। वहीं, रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि वह इटली से उसके राजनयिकों को बाहर करने का प्रतिकार करेगा।
पश्चिमी देशों की रूस पर और प्रतिबंध लगाने की योजना
यूक्रेन में नागरिकों की बदर्दी के साथ रूसी सैनिकों द्वारा हत्या करने के साक्ष्य मिलने के बाद पश्चिमी देश रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं। उधर, बूका नरसंहार के बाद के बाद अमेरिका की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को युद्ध अपराधी बताते हुए उन पर मुकदमा चलाने की मांग की है। बाइडन ने कहा- बूका में जो हुआ वह भयानक है और सभी ने इसे देखा है।
फिर जुट रही रूसी सेना, दोनबास पर हमले की तैयारी
यूक्रेनी सेना के जनरल स्टाफ ने मंगलवार सुबह कहा कि रूस अपनी सेना को फिर से एकत्रित कर रहा है और उसकी दोनबास पर हमले की तैयारी है। जनरल स्टाफ के फेसबुक पेज पर प्रकाशित खबर में कहा गया है, हमारा लक्ष्य दोनेस्क और लुहांस्क पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करना है। फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, रूसी सेना दोनेस्क और लुहांस्क के अलावा पोपासना व रुबिझ्ने जैसे शहरों पर नियंत्रण स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके अलावा रूसी सेनाएं मैरियूपोल पर भी पूर्ण नियंत्रण की कोशिश कर रही हैं।
अमेरिका ने रूसी बांड का भुगतान रोका
अमेरिका ने रूसी सरकार को अपने संप्रभू ऋण धारकों द्वारा अमेरिकी बैंकों में रखे भंडार से 60 करोड़ डॉलर से अधिक का भुगतान रोक दिया है। इससे पहले 24 फरवरी को अमेरिकी वित्तीय संस्थानों में रूसी केंद्रीय बैंक द्वारा रखे गए विदेशी मुद्रा भंडार को फ्रीज कर दिया था। हालांकि वित्त मंत्रालय रूस को मामला-दर-मामला आधार पर उन निधियों के इस्तेमाल की अनुमति दे रहा था। अब उसमें भी कटौती कर दी गई है।