हिंदी सिनेमा में बहुत से ऐसे कलाकार हैं जो अपने ग्लैमर नहीं अपने टैलेंट के बलबूते पर जाने जाते है। ऐसी ही कलाकारों में शुमार थीं सुरेखा सीकरी। 19 अप्रैल 1945 को नई दिल्ली में जन्मी सुरेखा सीकरी का बचपन अमरोहा और नैनीताल में गुजरा था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ग्रैजेशन किया था। 16 जुलाई 2021 को सुरेखा सीकरी का निधन हो गया था। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं।
सुरेखा सीकरी बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी थी। वह लेखक या फिर पत्रकार बनना चाहती थीं, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान अब्राहम अलकाजी साहब का नाटक हुआ था। उनकी बहन इससे प्रभावित हुईं और उन्होंने अपने लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का फॉर्म मंगा लिया, लेकिन वह फॉर्म ऐसे ही पड़ा रहा। उनकी मां ने उन्हें फॉर्म भरने के लिए कहा तो पहले वह इसे नहीं भरना चाहती थीं, लेकिन बाद में वह मान गईं और 1995 में उनका सलेक्शन भी हो गया।
अपने करियर में उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया, लेकिन घर-घर तक पहचान उन्हें ‘बालिका वधू’ धारावाहिक में दादी सा यानी कल्याणी देवी के किरदार ने दिलाई। दादी सा बनकर उन्होंने अपने खौफ और प्यार का मिलाजुला रूप दिखाया, जिसका हर कोई मुरीद हो गया था। इसके अलावा वह ‘एक था राजा एक थी रानी’ और ‘परदेस में है मेरा दिल’ सीरियल में भी दिखाई दी थीं।
उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों में भी काम किया, जिसमें उनके अभिनय को काफी सराहा गया था। उन्हें 1988 में आई फिल्म ‘तमस’, 1995 में आई फिल्म ‘मम्मो’ और 2018 में आई ‘बधाई हो’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का तीन बार नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। वह ‘सरफरोश’, ‘नजर’, ‘तुमसा नहीं देखा’ जैसी कई फिल्मों में शामिल रहीं।
सुरेखा के जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया था, जब वह आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं। इसी बीच उन्हें ब्रेन स्टोक हो गया और पैसे की कमी की वजह से उन्हें अपना इलाज कराने में भी परेशानी हुई। वहीं, ‘बधाई हो’ की रिलीज के दौरान उन्हें लकवा मार गया था। ऐसे में उनकी मदद करने के लिए अभिनेता सोनू सूद, आयुष्मान खुराना, गजराज राव और ‘बधाई हो’ के डायरेक्टर अमित शर्मा आगे आए थे। उस समय सोनू सूद ने ट्वीट कर कहा था कि वह सुरक्षित हाथों में हैं और जल्द ठीक हो जाएंगी। हालांकि उनकी ओर से बयान दिया गया था कि उन्हें फाइनैंशियल हेल्प की जरूरत नहीं है और उनका परिवार उनके साथ है।