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कोरोना का नया स्ट्रैन : एक्सई से खतरा है क्या? हमें चाहिए क्या? जानिए ओमिक्रॉन के हाईब्रिड स्ट्रैन के बारे में

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, क्वींसलैंड
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 18 Apr 2022 10:00 AM IST

सार

ओमिक्रॉन 11 नवंबर 2021 को अफ्रीकी देश बोत्सवाना में मिला था। इसके बाद 26 नवंबर को डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरिएंट आफ कंसर्न घोषित किया गया था।

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बीते कुछ हफ्तों से दुनियाभर में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के नए स्ट्रैन XE को लेकर हलचल है। यह ओमिक्रॉन के पूर्व में आए दो नए स्ट्रैन बीए.1 व बीए.2 से मिलकर बना नया वैरिएंट है। सवाल यह है कि क्या इससे खतरा है? क्या इससे हमें चिंतित होना चाहिए? 

ओमिक्रॉन 11 नवंबर 2021 को अफ्रीकी देश बोत्सवाना में मिला था। इसके बाद 26 नवंबर को डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरिएंट आफ कंसर्न घोषित किया गया था। देखते देखते यह पूरी दुनिया में फैला और इसने दूसरी लहर के दौरान कहर बरपाने वाले डेल्टा वैरिएंट का स्थान ले लिया। हालांकि यह डेल्टा जितना घातक नहीं बल्कि ज्यादा संक्रामक रहा। उसके बाद से  इसके बी.1, बीए.2 व बीए.3 वर्सन आ चुके हैं। 

बीए.2 वर्सन बीए.1 की तुलना में ज्यादा संक्रामक रहा और यह अब कोविड-19 का मुख्य सक्रिय वैरिएंट है। ओमिक्रॉन अब तक 60 बार रूप बदल चुका है। इतने बदलाव तो चीन के वुहान में मिले मूल कोरोना वायरस में भी नहीं हुए। इन 60 म्यूटेशन में से 32 स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं। स्पाइक प्रोटीन ही मानव कोशिका से इस वायरस को जोड़ता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को निशाना बनाता है। हमने कोरोना के नए रूपों को सामने आते देखा है, उसके बाद वैरिएंट व सब वैरिएंट आए। इसके सब स्ट्रैन में आनुवंशिक बदलाव भी नजर आए हैं। दो स्ट्रैन मिलकर नया मिलाजुला वैरिएंट भी बना सकते हैं। इनसे बना वैरिएंट उसी तरह का हो सकता है, जैसे आपकी नाक मां की हो और घुटने पिता जैसे। 

जब डेल्टा और ओमिक्रॉन जुड़े तो उनसे डेल्टाक्रॉन बना। इसे पहली बार फरवरी में फ्रांस में पहचाना गया। इसके जीनोम सीक्वेंसिंग ज्यादातर डेल्टा के समान हैं। इसके स्पाइक प्रोटीन ओमिक्रॉन बीए.1 से जुड़े हैं। 

एक्सई ही नहीं, एक्सक्यू, एक्सजी व एक्सजे भी मिले
एक्सई बीए.1 व बीए.2 का मिलाजुला रूप है, लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक्सई स्ट्रैन ही है, बल्कि ब्रिटेन में XQ, डेनमार्क में XG व बेज्यिम में XK स्ट्रैन सामने आ चुके हैं। 

एक्सई के अब तक 1100 मरीज, ब्रिटेन में ज्यादा असर
जनवरी 2022 में मिले एक्सई स्ट्रैन के अब तक बहुत कम मरीज मिले हैं। अब तक 1100 से कुछ ज्यादा मरीज ही मिले हैं। ये भारती, चीन व थाइलैंड में पाए गए। इसलिए इसकी आरंभिक वृद्धि दर  बीए.2 से ज्यादा अलग नहीं है। हालांकि ब्रिटेन के आंकड़े बताते  हैं कि इसकी संक्रमण दर बीए.2 से 10 से 20 फीसदी ज्यादा रही है। वहां इसके सामुदायिक संक्रमण के निशान मिले हैं। 

विस्तार

बीते कुछ हफ्तों से दुनियाभर में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के नए स्ट्रैन XE को लेकर हलचल है। यह ओमिक्रॉन के पूर्व में आए दो नए स्ट्रैन बीए.1 व बीए.2 से मिलकर बना नया वैरिएंट है। सवाल यह है कि क्या इससे खतरा है? क्या इससे हमें चिंतित होना चाहिए? 

ओमिक्रॉन 11 नवंबर 2021 को अफ्रीकी देश बोत्सवाना में मिला था। इसके बाद 26 नवंबर को डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरिएंट आफ कंसर्न घोषित किया गया था। देखते देखते यह पूरी दुनिया में फैला और इसने दूसरी लहर के दौरान कहर बरपाने वाले डेल्टा वैरिएंट का स्थान ले लिया। हालांकि यह डेल्टा जितना घातक नहीं बल्कि ज्यादा संक्रामक रहा। उसके बाद से  इसके बी.1, बीए.2 व बीए.3 वर्सन आ चुके हैं। 

बीए.2 वर्सन बीए.1 की तुलना में ज्यादा संक्रामक रहा और यह अब कोविड-19 का मुख्य सक्रिय वैरिएंट है। ओमिक्रॉन अब तक 60 बार रूप बदल चुका है। इतने बदलाव तो चीन के वुहान में मिले मूल कोरोना वायरस में भी नहीं हुए। इन 60 म्यूटेशन में से 32 स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं। स्पाइक प्रोटीन ही मानव कोशिका से इस वायरस को जोड़ता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को निशाना बनाता है। हमने कोरोना के नए रूपों को सामने आते देखा है, उसके बाद वैरिएंट व सब वैरिएंट आए। इसके सब स्ट्रैन में आनुवंशिक बदलाव भी नजर आए हैं। दो स्ट्रैन मिलकर नया मिलाजुला वैरिएंट भी बना सकते हैं। इनसे बना वैरिएंट उसी तरह का हो सकता है, जैसे आपकी नाक मां की हो और घुटने पिता जैसे। 

जब डेल्टा और ओमिक्रॉन जुड़े तो उनसे डेल्टाक्रॉन बना। इसे पहली बार फरवरी में फ्रांस में पहचाना गया। इसके जीनोम सीक्वेंसिंग ज्यादातर डेल्टा के समान हैं। इसके स्पाइक प्रोटीन ओमिक्रॉन बीए.1 से जुड़े हैं। 

एक्सई ही नहीं, एक्सक्यू, एक्सजी व एक्सजे भी मिले

एक्सई बीए.1 व बीए.2 का मिलाजुला रूप है, लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक्सई स्ट्रैन ही है, बल्कि ब्रिटेन में XQ, डेनमार्क में XG व बेज्यिम में XK स्ट्रैन सामने आ चुके हैं। 

एक्सई के अब तक 1100 मरीज, ब्रिटेन में ज्यादा असर

जनवरी 2022 में मिले एक्सई स्ट्रैन के अब तक बहुत कम मरीज मिले हैं। अब तक 1100 से कुछ ज्यादा मरीज ही मिले हैं। ये भारती, चीन व थाइलैंड में पाए गए। इसलिए इसकी आरंभिक वृद्धि दर  बीए.2 से ज्यादा अलग नहीं है। हालांकि ब्रिटेन के आंकड़े बताते  हैं कि इसकी संक्रमण दर बीए.2 से 10 से 20 फीसदी ज्यादा रही है। वहां इसके सामुदायिक संक्रमण के निशान मिले हैं। 

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