ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को कर्मफलदाता माना जाता है। शनि मौजूदा दौर में अस्त हो चुके हैं। इसके अलावा शनि इसी साल करीब ढ़ाई वर्षों बाद मकर राशि अपनी यात्रा को विराम देते हुए कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। कुंभ राशि शनिदेव की स्वयं की राशि है और ये इस राशि में करीब 30 वर्षों के बाद प्रवेश कर रहे हैं। लेकिन शनि के कुंभ राशि में परिवर्तन से पहले 05 जून को यह वक्री होने जा रहे हैं। जो 23 अक्तूबर तक इसी वक्री अवस्था में ही गोचर करेंगे। शनि की उल्टी चाल चलने से सभी राशियों पर इस विशेष प्रभाव पड़ेगा। शनि की उल्टी चाल से चार राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी होंगी।
कर्क राशि
शनिदेव के उल्टी चाल चलने की वजह से कर्क राशि के जातकों पर इसका प्रभाव अच्छा नहीं पड़ेगा। कार्यक्षेत्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। धन हानि और किसी दुर्घटना होने का अंदेशा है। ऐसे में कर्क राशि के जातकों को संभलकर रहना होगा। परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव बढ़ सकता है।
सिंह राशि
शनि के वक्री होने पर सिंह राशि के जातकों को अत्यधिक खर्चों का सामना करने पड़ेगा। उधार दिया हुआ धन वापस नहीं आएगा। वाद-विवाद के बढ़ने से आपका ज्यादातर समय अदालतों के चक्कर काटने में लगेगा। बिजनेस करने वाले जातक लंबे घाटे का सौदा कर सकते हैं ऐसे में आपको संभलकर रहना होगा। सेहत संबंधी परेशानियों में इजाफा होगा।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए शनि का वक्री होना अच्छा संकेत नहीं है। सफलता प्राप्त करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कार्यस्थल पर मानसिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है। धन हानि होने से आपकी आर्थिक स्थिति में गिरावट रहेगी। नौकरी पेशा जातकों के लिए कुछ महीने संभलकर चलने का रहेगा।
वृश्चिक राशि
इस राशि के जातकों को आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। परिवार के लोगों सें पैतृक सम्पत्ति को लेकर विवाद गहरा सकता है। इसको लेकर आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी। सेहत में गिरावट का दौर जारी रहेगा।
