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Rupali Ganguly: किसी जमाने में मिथुन के साथ काम कर चुकीं हैं 'अनुपमा', जानें रुपाली के जीवन से जुड़ी खास बातें

टीवी सीरिलय से ‘अनुपमा’ के रूप में लोगों के दिलों पर राज कर रही रुपाली गांगुली आज अपना 45वां जन्मदिन मना रही हैं। अपने अभिनय के दम पर रुपाली ने घर-घर में पहचान बनाई है। वह काफी समय से इंडस्ट्री का हिस्सा हैं। उन्होंने अनुपमा से पहले भी कई टीवी सीरियलों में काम किया है लेकिन, जो पहचान उन्हें राजन शाही के इस शो से मिली वो अपने आप में काबिल ए तारीफ है। अपने दमदार अभिनय से उन्होंने साबित किया है कि उम्र से कला पर कोई असर नहीं पड़ता। उनके जन्मदिन पर हम आज उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों को बताने जा रहे हैं। 

बंगाली परिवार से हैं रुपाली 

5 अप्रैल 1977 को कोलकाता में जन्मी रुपाली गांगुली एक थिएटर आर्टिस्ट रह चुकी हैं। वह एक बंगाली हिंदू परिवार से ताल्लुक रखती हैं। रुपाली के पिता अनिल गांगुली एक निर्देशक थे। रुपाली गांगुली ने अपनी स्कूलिंग पूरा करने के बाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था और इसके साथ ही उन्होंने थिएटर में भी काम करना शुरू कर दिया था। 

छोटी सी उम्र में किया इंडस्ट्री में डेब्यू

अनुपमा से लोगों का दिल जीतने वाली रुपाली के वैसे तो लाखों फैंस हैं लेकिन यह बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि अभिनेत्री ने केवल सात साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत कर दी थी। सात साल की उम्र में रुपाली ने अपने पिता की फिल्म ‘साहेब’ से इंडस्ट्री में कदम रखा था। इस फिल्म में रुपाली ने अनिल कपूर, अमृता सिंह, राखी गुलजार, सुरेश चटवाल जैसे बॉलीवुड के महान कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर की थी। इसके बाद उन्होंने 1987 में आई मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म ‘मेरा यार मेरा दुश्मन’ में अभिनय किया।  

गोविंदा की हिरोइन भी रह चुकीं हैं अनुपमा

मिथुन के साथ अभिनय करने के बाद रुपाली ने फिल्मों से दूरी बना ली थी। इसके 10 साल बाद उन्होंने फिर फिल्मों का रुख किया और साल 1997 में गोविंदा स्टारर फिल्म ‘दो आंखें बारह हाथ’ में काम किया। इसके बाद भी रुपाली ने कई पिल्मों में काम किया लेकिन उन्हें वो पहचान नहीं मिली, जो वह चाहती थीं। 

इस सिटकॉम से मिली पहचान 

फिल्मों में किस्मत अजमाने के बाद रुपाली ने टीवी इंडस्ट्री की तरफ देखा और यहां उन्हें सफलता का स्वाद चखने को मिला। साल 2000 में सीरियल ‘सुकन्या’ से रुपाली ने अपने टीवी के सफर की शुरुआत की, जिसके बाद उन्होंने कई सीरियलों में काम किया। इनमें ‘दिल है की मानता नहीं’, ‘जिंदगी तेरी मेरी कहानी’, ‘संजीवनी’ जैसे सीरियल शामिल हैं। हालांकि उन्हें असली पहचान साल 2004 में प्रसारित हुए सिटकॉम ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ से प्राप्त हुई। इस मशहुर कॉमेडी सीरियल में उन्होंने मोनिशा साराभाई बनकर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया था।  

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