Puja Path Tips: अपने आराध्य देव की कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए हर धर्म में अलग-अलग विधान हैं। इसी तरह हिंदू धर्म में पूजा पाठ का बहुत अधिक महत्व होता है। पूजा-पाठ करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और उनकी कृपा हमेशा अपने भक्तों पर बनी रहती है। धर्म शास्त्रों में पूजा-पाठ से संबंधित कई बातों और नियमों का उल्लेख किया गया है। पूजा में सबसे प्रमुख है ईश्वर को पुष्प अर्पित करना। हालांकि पुष्प अर्पित करने के भी कुछ नियम होते हैं, क्योंकि हर फूल किसी भी देवी-देवता को नहीं चढ़ाए जा सकते। पूजा-पाठ के दौरान भगवान को पुष्प अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं, लेकिन अगर उन्हें गलत फूल अर्पित कर दिया जाए, तो वे नाराज भी हो सकते हैं, जिसकी वजह से पूजा का अशुभ फल आपको मिल सकता है। ऐसे में पुष्प अर्पित करते समय आपको विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आइए जानते हैं कौन सा पुष्प किस भगवान को भूल से भी अर्पित नहीं करना चाहिए…
भगवान विष्णु को कौन सा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए
मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा के दौरान अगस्त्य के फूलों का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा माधवी और लोध के फूलों का भी उपयोग करने से परहेज करें। ये फूल भगवान विष्णु को पसंद नहीं है।
भगवान राम को अर्पित न करें ये फूल
धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम की पूजा में कनेर के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से श्रीराम रुष्ट हो जाते हैं। आप मां दुर्गा की पूजा में कनेर के फूलों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मां पार्वती को न चढ़ाएं ये फूल
मदार और धतूरे के फूल शिवजी के पसंदीदा हैं लेकिन मां पार्वती यानी आदिशक्ति की पूजा में भूलकर मदार के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए। इससे मां नाराज हो जाती हैं और भक्तों पर से अपनी कृपा हटा लेती हैं।
भगवान शिव की पूजा ने चढ़ाएं ये पुष्प
मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ की पूजा के दौरान उन्हें गलती से भी केतकी या केवड़ा के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। इससे शिव जी क्रोधित हो जाते हैं।