निवेशकों की धारणाएं बदलीं
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरों के बीच गोल्ड ईटीएफ के प्रति निवेशकों की धारणाओं में बदलाव हुआ है और इसके चलते गोल्ड की चमक बढ़ रही है। नवंबर 2021 में गोल्ड ईटीएफ में 683 करोड़ रुपये का निवेश आया है, जो अक्तूबर महीने में आए निवेश की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। अक्तूबर में गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध रूप से 303 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, जबकि इसके पिछले महीने यानी सितंबर में यह 446 करोड़ रुपये रहा था। ऐसे में साफ है कि फिर से लोगों के मन में यह विचार आ चुका है कि अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में वर्तमान हालात को देखते हुए सोने में निवेश फायदे का सौदा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।
ओमिक्रॉन की दहशत में सोना चमका
आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि नवंबर में सोने की कीमतों में करेक्शन और ओमिक्रॉन को लेकर पैदा हुई चिंता के बीच निवेश के सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने का आकर्षण फिर से बढ़ा है। इस साल गोल्ड ईटीएफ में निवेश का आंकड़ा 4,500 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के नए वैरिएंट से अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ी है, बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाव के तौर पर निवेशक बचत के परंपरागत तरीके सानी सोने में निवेश की ओर रुख कर रहे हैं।
गोल्ड ईटीएफ और इसके फायदे
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ होता है। यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड है, जो सोने की बदलते दामों पर क्रेंद्रित होता है। एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम शुद्ध सोना होता है। गोल्ड ईटीएफ को किसी कंपनी के शेयरों की तरह से बीएसई या एनएसई पर खरीदा और बेचा जा सकता है। फिजिकल गोल्ड के मुकाबले इस पर परचेजिंग चार्ज कम होता है। इसके अलावा गोल्ड ईटीएफ की खरीद पर 100 फीसदी शुद्धता की गारंटी भी मिलती है।
एसआईपी के जरिए निवेश की सुविधा
खास बात यह है कि गोल्ड ईटीएफ में एसआईपी के जरिए निवेश की भी सुविधा है। शेयर बाजार में निवेश के मुकाबले गोल्ड ईटीएफ में निवेश कम उतार चढ़ाव वाला होता है। हाई लिक्विडिटी के चलते आप जब चाहें इसे खरीद और बेच सकते हैं। आंकड़ों को देखें तो लंबी अवधि में गोल्ड ईटीएफ का अच्छा रिटर्न देने का ट्रैक रिकॉर्ड है। गोल्ड ईटीएफ को डीमैट खाते के जरिए ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।
टैक्स के मामले में भी राहत
टैक्स के मामले में गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड से सस्ता होता है। गोल्ड ईटीएफ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस चुकाना पड़ता है, साथ ही इसे कोई लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर रख सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ की यूनिट डीमैट खाते में जमा होती है, ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ईटीएफ को बेचा जाता है।
गोल्ड लोन लेने में है फायदा
जहां एक ओर गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान बढ़ा है तो हम आपको बता दें कि अगर आपको पैसे की जरूरत है और कर्ज लेना चाहते हैं तो इस मामले में भी सोना बेहतर विकल्प है। इस समय कई बैंक कम ब्याज दर पर गोल्ड लोन की पेशकश कर रहे हैं। इनमें एसबीआई, फेडरल, पीएनबी और एचडीएफसी बैंक समेत कई नाम शामिल हैं।
किस बैंक में कितनी ब्याज दर
विभिन्न बैंकों की ओर से कम ब्याज दर पर गोल्ड लोन मुहैया कराया जा रहा है। इनमें सबसे कम ब्याज दर पर गोल्ड लोन फेडरल बैंक की ओर से दिया जा रहा है। फेडरल बैंक की ब्याज दर 6.99 फीसदी, पंजाब एंड सिंध और एसबीआई बैंक 7.00 फीसदी, पीएनबी बैंक 7.25 फीसदी, कैनरा बैंक 7.35 फीसदी, इंडियन बैंक 8.00 फीसदी और एचडीएफसी बैंक 8.50 फीसदी की ब्याज दर से गोल्ड लोन दे रहा है। इसके साथ ही अन्य बैंकों की ओर भी कम ब्याज दरों पर लोन की पेशकश की जा रही है।