बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: डिंपल अलावाधी
Updated Tue, 10 Aug 2021 02:15 PM IST
सार
आप घर बैठे जल्द ही गूगल और फेसबुक जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियों में निवेश कर सकेंगे।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
– फोटो : facebook: @NationalStockExchange
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विस्तार
ऐसी सुविधा देने वाला पहला प्लेटफॉर्म होगा NSE IFSC
NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज (NSE IFSC) ऐसी सुविधा देने वाला भारत में पहला प्लेटफॉर्म होगा। यह सुविधा अंस्पॉन्सर्ड डिपॉजिटरी रसीद के रूप में दी जाएगी। यह सुविधा रेगुलेटरीज सैंडबॉक्स के जरिए दी जाएगी। अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में लेन-देन, क्लीयरिंग और होल्डिंग की प्रक्रिया आईएफएससी अथॉरिटी के रेगुलेटरी के फ्रेमवर्क के नियमों के तहत की जाएगी।
RBI द्वारा निर्धारित एलआरएस) के तहत होगा कारोबार
भारतीय खुदरा निवेशक एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत कारोबार कर सकेंगे। कारोबार आरबीआई द्वारा निर्धारित नियमों के तहत कारोबार होगा।
मिलेगा निवेश का एक अतिरिक्त विकल्प
मालूम हो कि केंद्रीय बैंक की लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत भारतीय निवासियों को एक साल में 2,50,000 डॉलर रेमिट करने की अनुमति होती है। इस संदर्भ में स्टॉक एक्सचेंज ने अपने बयान में कहा कि एनएसई आईएफएससी के इस कदम से भारतीय निवेशकों को निवेश का एक अतिरिक्त विकल्प मिलेगा।
आसान और किफायती होगी प्रक्रिया
निवेश की प्रक्रिया काफी आसान और किफायती होगी। इसके तहत निवेशकों को अमेरिकी शेयरों में फ्रैक्शनल क्वांटिटी या वैल्यू में भी निवेश करने की सुविधा मिलेगी। निवेशकों को गिफ्ट सिटी में खुले उनके डीमैट खाते में डिपॉजिटरी रसीद जमा करने की सुविधा मिलेगी। मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और एमडी विक्रम लिमये ने कहा कि एनएसई आईएफएससी प्लेटफॉर्म पर अमेरिकी शेयरों की ट्रेडिंग एक मील का पत्थर साबित होगा।
