ज्योतिष डेस्क, अमरउजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Sun, 30 Jan 2022 12:35 PM IST
Kumbh Sankranti 2022: कुंभ संक्रांति 13 फरवरी को है। इस दिन दिन त्रिपुष्कर और प्रीति योग का निर्माण भी हो रहा है।
Kumbh Sankranti 2022: सूर्य गृह हर राशि में 1 माह तक विराजमान रहते हैं। फिलहाल सूर्य देव मकर राशि में स्थिति है और मकर राशि के बाद वह कुंभ राशि में गोचर करेंगे और यह गोचर कुंभ संक्रांति कहलाता है। कुंभ संक्रांति 13 फरवरी को है। इस दिन दिन त्रिपुष्कर और प्रीति योग का निर्माण भी हो रहा है। कुंभ संक्रांति के दौरान गायों को अर्पित करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। साथ ही गंगा में स्नान करना विशेष रूप से त्रिवेणी में जहां गंगा और यमुना का संगम होता है, अत्यधिक शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कुंभ संक्रांति के महा पुण्य काल के बारे में।
कुंभ संक्रांति 2022 महा पुण्य काल
सूर्य देव का कुंभ राशि में गोचर: 13 फरवरी, रविवार प्रातः 03: 41 मिनट पर
कुंभ संक्रांति का पुण्य काल आरंभ: प्रात: 07: 01 मिनट से
कुंभ संक्रांति का पुण्य काल समाप्त: दोपहर 12: 35 मिनट तक
कुंभ संक्रांति पुण्य काल का कुल समय: 05 घंटा 34 मिनट
कुंभ संक्रांति का महा पुण्य काल आरंभ: प्रातः 07: 01 मिनट से
कुंभ संक्रांति का महा पुण्य काल समाप्त: प्रातः 08: 53 मिनट तक
महा पुण्य काल की कुल अवधि: 01 घंटा 51 मिनट
कुंभ संक्रांति के दिन करें ये कार्य
- कुंभ संक्रांति के दिन सुख-समृद्धि पाने के लिए मां गंगा का ध्यान करें। गंगा नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- कुंभ संक्रांति के दिन सूर्य भगवान की विधि-विधान से पूजा करने पर उस घर-परिवार में किसी भी सदस्य के ऊपर कोई मुसीबत या रोग नहीं आता।
- भगवान आदित्य की पूजा और उनके आर्शीवाद से जीवन के अनेक दोष भी दूर हो जाते हैं। इससे प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है।
- कुंभ संक्रांति के दिन भोजन, वस्त्रों और गरीबों को दान देने से दोगुना पुण्य मिलता है।
- कुंभ संक्रांति के दिन सूर्यदेव के बीज मंत्र का जाप करने से मनुष्य को अपने दुखों से छुटकारा शीघ्र मिल जाता है।
विस्तार
Kumbh Sankranti 2022: सूर्य गृह हर राशि में 1 माह तक विराजमान रहते हैं। फिलहाल सूर्य देव मकर राशि में स्थिति है और मकर राशि के बाद वह कुंभ राशि में गोचर करेंगे और यह गोचर कुंभ संक्रांति कहलाता है। कुंभ संक्रांति 13 फरवरी को है। इस दिन दिन त्रिपुष्कर और प्रीति योग का निर्माण भी हो रहा है। कुंभ संक्रांति के दौरान गायों को अर्पित करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। साथ ही गंगा में स्नान करना विशेष रूप से त्रिवेणी में जहां गंगा और यमुना का संगम होता है, अत्यधिक शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कुंभ संक्रांति के महा पुण्य काल के बारे में।