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Indian Startups: रंग ला रही 2016 में शुरू हुई केंद्र की पहल, बीते 5 सालों में स्टार्टअप्स ने दीं 6.5 लाख लोगों को नौकरियां
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Fri, 07 Jan 2022 12:55 PM IST
सार
Startups Have Created 6.5 Lakh Jobs in 5 year’s: केंद्र सरकार की ओर से साल 2016 में शुरू की गई पहल रंग ला रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते पांच सालों के भीतर भारतीय स्टार्टअप्स ने करीब 6.5 लाख लोगों को रोजगार देने का काम किया है।
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डीपीआईआईटी ने साझा की जानकारी
डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) के सेक्रेटरी अनुराग जैन ने गुरुवार यह जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार के पास रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स ने देश में अभी तक 6.5 लाख लोगों को नौकरियां दी हैं। उन्होंने बताया कि इस डिजिटल पहल को शुरू किए जाने के बाद से डीपीआईआईटी अब तक 60,000 अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता दे चुका है। इनमें से लगभग प्रत्येक स्टार्टअप ने 11 नौकरियों पैदा की हैं। जैन ने कहा कि केंद्र की इस स्टार्टअप पहल का ही नतीजा है कि हमारा देश अब नौकरी मांगने वालों की जगह अब नौकरी देने वाले देश के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
2025 तक 20 लाख नई नौकरियां
अनुराग जैन ने आगे की तैयारी के बारे में बात करते हुए बताया कि डीपीआईआईटी आगामी 2025 तक आधिकारिक तौर पर 50,000 नए स्टार्टअप को रजिस्टर करने की तैयारी कर रहा है। इस तरह उम्मीद है कि आने वाले चार वर्षों में इस क्षेत्र में 20 लाख और नई नौकरियां पैदा हो सकेंगी। स्टार्टअप इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होने से स्टार्टअप को लगातार तीन साल की अवधि के लिए इनकम टैक्स और कैपिटल गेन टैक्स में छूट मिलता है। साथ ही यह पेटेंट दाखिल करने पर भी चीजों को फास्ट ट्रैक करने और 80 पर्सेंट तक छूट दिलाने में मदद करता है।
टियर 2-3 शहरों से ज्यादातर स्टार्टअप्स
देश में स्टार्टअप का क्षेत्र तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। खास बात यह है कि अब तक कुल रजिस्टर्ड स्टार्टअप में से 45 फीसदी टियर 2 और टियर 3 शहरों से हैं। इसके साथ ही इन स्टार्टअप्स में 45 फीसदी स्टार्टअप की कमान महिलाओं के हाथों में हैं। जैन ने कहा है कि देश के कुल 736 जिलों में से कम से कम 630 जिलों में कोई न कोई स्टार्टअप रजिस्टर है।
विस्तार
डीपीआईआईटी ने साझा की जानकारी
डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) के सेक्रेटरी अनुराग जैन ने गुरुवार यह जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार के पास रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स ने देश में अभी तक 6.5 लाख लोगों को नौकरियां दी हैं। उन्होंने बताया कि इस डिजिटल पहल को शुरू किए जाने के बाद से डीपीआईआईटी अब तक 60,000 अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता दे चुका है। इनमें से लगभग प्रत्येक स्टार्टअप ने 11 नौकरियों पैदा की हैं। जैन ने कहा कि केंद्र की इस स्टार्टअप पहल का ही नतीजा है कि हमारा देश अब नौकरी मांगने वालों की जगह अब नौकरी देने वाले देश के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
2025 तक 20 लाख नई नौकरियां
अनुराग जैन ने आगे की तैयारी के बारे में बात करते हुए बताया कि डीपीआईआईटी आगामी 2025 तक आधिकारिक तौर पर 50,000 नए स्टार्टअप को रजिस्टर करने की तैयारी कर रहा है। इस तरह उम्मीद है कि आने वाले चार वर्षों में इस क्षेत्र में 20 लाख और नई नौकरियां पैदा हो सकेंगी। स्टार्टअप इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होने से स्टार्टअप को लगातार तीन साल की अवधि के लिए इनकम टैक्स और कैपिटल गेन टैक्स में छूट मिलता है। साथ ही यह पेटेंट दाखिल करने पर भी चीजों को फास्ट ट्रैक करने और 80 पर्सेंट तक छूट दिलाने में मदद करता है।
टियर 2-3 शहरों से ज्यादातर स्टार्टअप्स
देश में स्टार्टअप का क्षेत्र तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। खास बात यह है कि अब तक कुल रजिस्टर्ड स्टार्टअप में से 45 फीसदी टियर 2 और टियर 3 शहरों से हैं। इसके साथ ही इन स्टार्टअप्स में 45 फीसदी स्टार्टअप की कमान महिलाओं के हाथों में हैं। जैन ने कहा है कि देश के कुल 736 जिलों में से कम से कम 630 जिलों में कोई न कोई स्टार्टअप रजिस्टर है।