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Home Loan: होम लोन के साथ बीमा जरूरी नहीं, जानिए क्या है आपके लिए सही

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सार

होम लोन के साथ बीमा के भी दो विकल्प मिलते हैं। इनमें से आपके लिए कौन सा बेहतर होगा, पूरी जानकारी देती प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट…

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उपभोक्ता के होम लोन की डील पक्की होते ही अधिकतर बैंक साथ में बीमा लेने का दबाव बनाते हैं। वैसे तो होम लोन के साथ बैंक से बीमा लेना अनिवार्य नहीं है, लेकिन ऐसा करना समझदारी भरा फैसला हो सकता है। निवेश एवं बीमा मामलों के जानकार बलवंत जैन का कहना है कि होम लोन लेने वाले कई उपभोक्ता पहले से ही अपना टर्म बीमा कराए होते हैं। ऐसे में उन्हें लगता है कि बैंक की ओर से जबरन थोपे जाने वाला बीमा उन पर अतिरिक्त भार बढ़ा देगा। 

लेकिन ऐसा नहीं है, अमूमन बैंक कर्ज की राशि के बराबर ही टर्म बीमा लेने को कहते हैं। इसका प्रीमियम बाजार में समान राशि के लिए मिलने वाले टर्म बीमा से कम होता है। इसके अलावा बैंक इस टर्म बीमा का प्रीमियम भी एकमुश्त भुगतान करते हैं, जिससे कंपनी की ओर से बीमा मासिक प्रीमियम के मुकाबले सस्ता पड़ता है। 

बैंक इस राशि को आपके कर्ज में जोड़ देते हैं, जिससे ईएमआई में बेहद मामूली इजाफा होता है। ऐसे में पहले से टर्म बीमा लिया है, तो भी सस्ती दर पर मिलने वाले इस बीमा को लेने में समझदारी होगी।

पति-पत्नी के लिए एक ही टर्म बीमा 

  • पति-पत्नी साथ मिलकर होम लोन ले रहे हैं, तो भी एक ही टर्म बीमा में दोनों को कवर मिलेगा। उन्हें अलग-अलग बीमा नहीं कराना होगा। 
  • मॉर्गेज बीमा प्लान बाजार में उपलब्ध नहीं होता, ये सिर्फ बैंक की ओर से होम लोन के साथ ही मिलता है। 
  • टर्म बीमा के तहत कंपनी बीमाधारक की मृत्यु पर होम लोन की शेष राशि का भुगतान कर बचे पैसे नॉमिनी को देती है, लेकिन मॉर्गेज बीमा में सिर्फ होम लोन का भुगतान किया जाता है।
  • होम लोन किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर कराने पर टर्म बीमा दूसरे बैंक से जुड़ जाता है , लेकिन मॉर्गेज बीमा पोर्ट नहीं हो सकता।
परिवार पर नहीं पड़ेगा बोझ 
नौकरीपेशा वर्ग में बड़ी संख्या में ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने कोई टर्म या जीवन बीमा नहीं लिया है। होम लोन की राशि कई लाख में होती है। किसी अनहोनी की दशा में इसका बोझ सीधे परिवार पर आएगा।

लोन नहीं चुकाने पर बैंक संपत्ति जब्त कर सकते है। ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए होम लोन का बीमा कराना बेहद जरूरी है। कई बीमा प्लान में गंभीर बीमारी, दुर्घटना और नौकरी जाने पर भी ईएमआई का भुगतान किया जाता है।

टर्म बीमा के दो विकल्प
 कुछ बैंक होम लोन के साथ टर्म बीमा के अलावा होम लोन प्रोटेक्शन प्लान (एचएलपीपी) या मॉर्गेज बीमा प्लान की भी पेशकश करते हैं। इसका प्रीमियम सस्ता पड़ता है, लेकिन कवरेज घटता जाता है। 

मसलन, 30 लाख का होम लिया है, तो शुरुआत में कवर भी 30 लाख रुपये होगा। 10 साल ईएमआई चुकाने के बाद होम लोन की 15 लाख रह जाता है, तो मॉर्गेज बीमा कवरेज भी घटकर 15 लाख हो जाएगा।

अनिवार्य जीवन बीमा के साथ लाएं पीएम आवास योजना: सीआईआई 
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार से गुहार लगाई है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) को ज्यादा सफल बनाने के लिए इसे अनिवार्य जीवन बीमा के साथ दोबारा उतारा जाए। 

इस कदम से सरकार की सभी को मकान देने की महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने में आसानी होगी और कर्जधारक की मृत्यु की दशा में परिवार पर बोझ भी नहीं आएगा। 

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, बैंक कर्जधारक की मौत होने पर राशि नहीं वसूल पाते और संपत्ति जब्त कर लेते हैं। इससे सभी को मकान मिलने की योजना पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है। हमारा लक्ष्य सभी मकान देना है न कि कर्ज बांटना। ऐसे में पीएमएवाई को क्रेडिट लिंक्ड बीमा के साथ उतारा जाना चाहिए। 

विस्तार

उपभोक्ता के होम लोन की डील पक्की होते ही अधिकतर बैंक साथ में बीमा लेने का दबाव बनाते हैं। वैसे तो होम लोन के साथ बैंक से बीमा लेना अनिवार्य नहीं है, लेकिन ऐसा करना समझदारी भरा फैसला हो सकता है। निवेश एवं बीमा मामलों के जानकार बलवंत जैन का कहना है कि होम लोन लेने वाले कई उपभोक्ता पहले से ही अपना टर्म बीमा कराए होते हैं। ऐसे में उन्हें लगता है कि बैंक की ओर से जबरन थोपे जाने वाला बीमा उन पर अतिरिक्त भार बढ़ा देगा। 

लेकिन ऐसा नहीं है, अमूमन बैंक कर्ज की राशि के बराबर ही टर्म बीमा लेने को कहते हैं। इसका प्रीमियम बाजार में समान राशि के लिए मिलने वाले टर्म बीमा से कम होता है। इसके अलावा बैंक इस टर्म बीमा का प्रीमियम भी एकमुश्त भुगतान करते हैं, जिससे कंपनी की ओर से बीमा मासिक प्रीमियम के मुकाबले सस्ता पड़ता है। 

बैंक इस राशि को आपके कर्ज में जोड़ देते हैं, जिससे ईएमआई में बेहद मामूली इजाफा होता है। ऐसे में पहले से टर्म बीमा लिया है, तो भी सस्ती दर पर मिलने वाले इस बीमा को लेने में समझदारी होगी।

पति-पत्नी के लिए एक ही टर्म बीमा 

  • पति-पत्नी साथ मिलकर होम लोन ले रहे हैं, तो भी एक ही टर्म बीमा में दोनों को कवर मिलेगा। उन्हें अलग-अलग बीमा नहीं कराना होगा। 
  • मॉर्गेज बीमा प्लान बाजार में उपलब्ध नहीं होता, ये सिर्फ बैंक की ओर से होम लोन के साथ ही मिलता है। 
  • टर्म बीमा के तहत कंपनी बीमाधारक की मृत्यु पर होम लोन की शेष राशि का भुगतान कर बचे पैसे नॉमिनी को देती है, लेकिन मॉर्गेज बीमा में सिर्फ होम लोन का भुगतान किया जाता है।
  • होम लोन किसी अन्य बैंक में ट्रांसफर कराने पर टर्म बीमा दूसरे बैंक से जुड़ जाता है , लेकिन मॉर्गेज बीमा पोर्ट नहीं हो सकता।
परिवार पर नहीं पड़ेगा बोझ 

नौकरीपेशा वर्ग में बड़ी संख्या में ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने कोई टर्म या जीवन बीमा नहीं लिया है। होम लोन की राशि कई लाख में होती है। किसी अनहोनी की दशा में इसका बोझ सीधे परिवार पर आएगा।

लोन नहीं चुकाने पर बैंक संपत्ति जब्त कर सकते है। ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए होम लोन का बीमा कराना बेहद जरूरी है। कई बीमा प्लान में गंभीर बीमारी, दुर्घटना और नौकरी जाने पर भी ईएमआई का भुगतान किया जाता है।

टर्म बीमा के दो विकल्प

 कुछ बैंक होम लोन के साथ टर्म बीमा के अलावा होम लोन प्रोटेक्शन प्लान (एचएलपीपी) या मॉर्गेज बीमा प्लान की भी पेशकश करते हैं। इसका प्रीमियम सस्ता पड़ता है, लेकिन कवरेज घटता जाता है। 

मसलन, 30 लाख का होम लिया है, तो शुरुआत में कवर भी 30 लाख रुपये होगा। 10 साल ईएमआई चुकाने के बाद होम लोन की 15 लाख रह जाता है, तो मॉर्गेज बीमा कवरेज भी घटकर 15 लाख हो जाएगा।

अनिवार्य जीवन बीमा के साथ लाएं पीएम आवास योजना: सीआईआई 

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार से गुहार लगाई है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) को ज्यादा सफल बनाने के लिए इसे अनिवार्य जीवन बीमा के साथ दोबारा उतारा जाए। 

इस कदम से सरकार की सभी को मकान देने की महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने में आसानी होगी और कर्जधारक की मृत्यु की दशा में परिवार पर बोझ भी नहीं आएगा। 

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, बैंक कर्जधारक की मौत होने पर राशि नहीं वसूल पाते और संपत्ति जब्त कर लेते हैं। इससे सभी को मकान मिलने की योजना पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है। हमारा लक्ष्य सभी मकान देना है न कि कर्ज बांटना। ऐसे में पीएमएवाई को क्रेडिट लिंक्ड बीमा के साथ उतारा जाना चाहिए। 

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