सेहत,ऊर्जा और यश के लिए लाल-
वास्तु एवं ज्योतिषीय आधार पर लाल रंग ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है,इसलिए होली में इस रंग का प्रयोग आप उस जगह पर कर सकते हैं जहां ऊर्जा की ज़रूरत हो। भूमि से जुड़े कार्य करने वालों को लाल रंग से होली खेलनी चाहिए। लाल रंग से होली खेलने से माना जाता है कि स्वास्थ्य और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
सौंदर्य और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए पीला-
पीला रंग अहिंसा,प्रेम,आनंद और ज्ञान का प्रतीक है। यह रंग व्यक्ति के स्नायु तंत्र को संतुलित व मस्तिष्क को सक्रिय रखता है। होली पर इस रंग के प्रयोग से सौंदर्य और आध्यात्मिक तेज में वृद्धि होगी। सोना-चांदी का व्यापार करने वालों को पीले रंग से होली खेलना शुभ माना जाता है।
नारंगी रंग ज्ञान,ऊर्जा,शक्ति,प्रेम और आनंद का प्रतीक है। यह रंग लाल और पीले से मिलकर प्रकट होता है। होली खेलने में वे लोग इस रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं जो जिंदगी से निराश हैं और जो डिप्रेशन का शिकार हैं,यह रंग ख़ुशी देने में सहायक होगा।
सकारात्मक सोच के लिए नीला-
नीला रंग साफ़-सुथरा, निष्पापी,पारदर्शी,करुणामय और उच्च विचार होने का सूचक है। वास्तु में यह रंग आसमान और पानी का प्रतिनिधित्व करता है एवं ये रंग जल्दी ठीक होने,दर्द को कम करने एवं सकारात्मक सोच को बढ़ाने में मदद करता है।
हरा रंग, समृद्धि, उत्कर्ष, प्रेम, दया, प्रगति, प्रकृति, सुकून, हीलिंग, प्रचुरता, तरक्की और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। हरे रंग की और भी खासियत है, ये गुस्से को शांत करता है और मूड को हल्का बनाता है। जिन कपल्स के रिश्ते में मनमुटाव चल रहा हो वो होली पर इस रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्यार का रंग गुलाबी
गुलाबी रंग प्यार और रोमांस का प्रतीक है। इसके अलावा गुलाबी रंग से होली खेलने वाले लोगों का मन काफी मजबूत होता है,ऐसे लोग मुश्किल हालत में भी हार नहीं मानते हैं। जीवन में प्यार और रोमांस चाहने वालों को इस रंग से होली खेलनी चाहिए।
हीन भावना को दूर करता है बैंगनी
पर्पल या बैंगनी रंग विलासिता,रईसी,आत्मसम्मान और संतुलन का प्रतीक है एवं यह रंग पवित्रता और मासूमियत को दर्शाता है। ये रंग उन लोगों खासतौर से उन पुरुषों के द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है जो हीनभावना से ग्रसित हों।
