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Healthcare Budget 2022: इस बार भी स्वास्थ्य क्षेत्र पर होगा सरकार का जोर, फार्मा उद्योग को सरकार से ये उम्मीदें 

Healthcare Budget 2022: इस बार भी स्वास्थ्य क्षेत्र पर होगा सरकार का जोर, फार्मा उद्योग को सरकार से ये उम्मीदें 

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sun, 30 Jan 2022 03:02 PM IST

सार

Union Budget 2022 Expectations Healthcare: कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर इस बार भी सरकार का विशेष जोर होने की उम्मीद जताई जा रही है। फार्मा उद्योग को उम्मीद है कि इस बजट में हेल्थकेयर सेक्टर के लिए कुल फंड आवंटन में बढ़ोतरी की जाएगी।

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कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर इस बार भी सरकार का विशेष जोर होने की उम्मीद जताई जा रही है। फार्मा उद्योग को उम्मीद है कि इस बजट में हेल्थकेयर सेक्टर के लिए कुल फंड आवंटन में बढ़ोतरी की जाएगी। जैसा कि कोरोना का प्रकोप जारी है और इसकी तीसरी लहर देश में अपना असर दिखा रही है उसे देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र को बजट में सबसे अधिक प्राथमिकता मिलने की संभावना है।

कारोबार सुगमता के हों उपाय 
घरेलू फार्मास्युटिकल्स उद्योग का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2022 में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाने, शोध एवं विकास गतिविधियों को प्रोत्साहन और विभिन्न दवाओं पर कर छूट को जारी रखने जैसे कदम उठाएंगी। इसके अलावा उद्योग विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण भी चाहता है, जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर हो सकेगी। भारतीय फार्मास्युटिकल्स उत्पादकों के संगठन (ओपीपीआई) के अध्यक्ष एस श्रीधर ने कहा है कि बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद के मौजूदा 1.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 से तीन प्रतिशत किया जाना चाहिए। 

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ठोस नीतियां 
फुजीफिल्म इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चिकित्सा प्रभाग, चंदर शेखर सिब्बल का कहना है कि हम महामारी के तीसरे वर्ष में प्रवेश करते ही सरकार के समर्थन से देश के स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे के निर्माण और संतुलन की आशा कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि बजट कोरोना से होने वाली तबाही को कम करने के लिए स्वास्थ्य सेवा पर विशेष ध्यान देगा। इसके लिए यह जरूरी होगा कि ऐसी ठोस नीतियां बनाई जाएं जो सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करें। हमें उम्मीद है कि सरकार हेल्थकेयर सप्लीमेंट्स पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करेगी। इसके साथ ही विशेषज्ञों ने कहा कि इस साल का बजट सेक्टोरल ग्रोथ में तेजी लाने के लिए और न केवल कोविड के लिए बल्कि अलग-अलग बीमारियों में इनोवेटिव हेल्थ सॉल्यूशंस तक पहुंच के लिए महत्वपूर्ण होगा।

47 फीसदी लोगों को बजट से ये उम्मीद
इसके अलावा जैव-फार्मास्युटिकल क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए अलग से आवंटन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही बीते हाल ही में उद्योग मंडल एसोचैम ने अपने एक सर्वेक्षण में कहा कि हेल्थकेयर सेक्टर बजट में प्राथमिक होगा। एसोचैम के सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत लोगों ने उम्मीद जताई कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान देंगी। इसके साथ ही, आगामी केंद्रीय बजट में आरएंडडी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों और अलग-अलग दवाओं पर कर रियायतों को जारी रखने पर भी ध्यान दिए जाने की उम्मीद है।

स्वास्थ्य के लिए आवंटन बढ़ाया जाए
पीएसआई आईपीएल के प्रबंध निदेशक शंकर नारायणन का कहना है कि भारत में शहरी स्थानीय निकाय महामारी के कारण कम संसाधनों से जूझ रहे हैं। इसलिए सरकार का फोकस शहरी स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए आवंटन बढ़ाने पर होना चाहिए। महामारी ने कमजोरियों का खुलासा किया है, ऐसे में हमें गुणवत्ता वाली प्राथमिक देखभाल सेवाओं तक पहुंच बढ़ानी चाहिए, पहुंच में सुधार करना चाहिए, मातृ एवं बाल स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण रूप से टीबी उन्मूलन के खिलाफ अभियान पर खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करनी चाहिए।

विस्तार

कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर इस बार भी सरकार का विशेष जोर होने की उम्मीद जताई जा रही है। फार्मा उद्योग को उम्मीद है कि इस बजट में हेल्थकेयर सेक्टर के लिए कुल फंड आवंटन में बढ़ोतरी की जाएगी। जैसा कि कोरोना का प्रकोप जारी है और इसकी तीसरी लहर देश में अपना असर दिखा रही है उसे देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र को बजट में सबसे अधिक प्राथमिकता मिलने की संभावना है।

कारोबार सुगमता के हों उपाय 

घरेलू फार्मास्युटिकल्स उद्योग का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2022 में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाने, शोध एवं विकास गतिविधियों को प्रोत्साहन और विभिन्न दवाओं पर कर छूट को जारी रखने जैसे कदम उठाएंगी। इसके अलावा उद्योग विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण भी चाहता है, जिससे निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर हो सकेगी। भारतीय फार्मास्युटिकल्स उत्पादकों के संगठन (ओपीपीआई) के अध्यक्ष एस श्रीधर ने कहा है कि बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन सकल घरेलू उत्पाद के मौजूदा 1.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 से तीन प्रतिशत किया जाना चाहिए। 

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ठोस नीतियां 

फुजीफिल्म इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चिकित्सा प्रभाग, चंदर शेखर सिब्बल का कहना है कि हम महामारी के तीसरे वर्ष में प्रवेश करते ही सरकार के समर्थन से देश के स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे के निर्माण और संतुलन की आशा कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि बजट कोरोना से होने वाली तबाही को कम करने के लिए स्वास्थ्य सेवा पर विशेष ध्यान देगा। इसके लिए यह जरूरी होगा कि ऐसी ठोस नीतियां बनाई जाएं जो सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करें। हमें उम्मीद है कि सरकार हेल्थकेयर सप्लीमेंट्स पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करेगी। इसके साथ ही विशेषज्ञों ने कहा कि इस साल का बजट सेक्टोरल ग्रोथ में तेजी लाने के लिए और न केवल कोविड के लिए बल्कि अलग-अलग बीमारियों में इनोवेटिव हेल्थ सॉल्यूशंस तक पहुंच के लिए महत्वपूर्ण होगा।

47 फीसदी लोगों को बजट से ये उम्मीद

इसके अलावा जैव-फार्मास्युटिकल क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए अलग से आवंटन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही बीते हाल ही में उद्योग मंडल एसोचैम ने अपने एक सर्वेक्षण में कहा कि हेल्थकेयर सेक्टर बजट में प्राथमिक होगा। एसोचैम के सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत लोगों ने उम्मीद जताई कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान देंगी। इसके साथ ही, आगामी केंद्रीय बजट में आरएंडडी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों और अलग-अलग दवाओं पर कर रियायतों को जारी रखने पर भी ध्यान दिए जाने की उम्मीद है।

स्वास्थ्य के लिए आवंटन बढ़ाया जाए

पीएसआई आईपीएल के प्रबंध निदेशक शंकर नारायणन का कहना है कि भारत में शहरी स्थानीय निकाय महामारी के कारण कम संसाधनों से जूझ रहे हैं। इसलिए सरकार का फोकस शहरी स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए आवंटन बढ़ाने पर होना चाहिए। महामारी ने कमजोरियों का खुलासा किया है, ऐसे में हमें गुणवत्ता वाली प्राथमिक देखभाल सेवाओं तक पहुंच बढ़ानी चाहिए, पहुंच में सुधार करना चाहिए, मातृ एवं बाल स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण रूप से टीबी उन्मूलन के खिलाफ अभियान पर खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करनी चाहिए।

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