चंडीगढ़ करे आशिकी
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
Movie Review
चंडीगढ़ करे आशिकी
कलाकार
आयुष्मान खुराना
,
वाणी कपूर
,
गौरव शर्मा
,
गौतम शर्मा
,
कंवलजीत सिंह
,
अंजन श्रीवास्तव
और
अभिषेक बजाज
लेखक
सुप्रतिक सेन
,
तुषार परांजपे
और
अभिषेक कपूर
निर्देशक
अभिषेक कपूर
निर्माता
भूषण कुमार
,
प्रज्ञा कपूर
और
अभिषेक नैयर
हिंदी सिनेमा में जब भी कुछ ऐसा बनता है जिसका अंदाजा भी फिल्म बनाने वालों या फिल्म देखने वालों की मौजूदा पीढ़ी को नहीं होता तो उसे प्रगतिशील सिनेमा का नाम दे दिया जाता है। ऐसे प्रगतिशील सिनेमा की तारीफ तो होती है लेकिन इसे देखने वाले कम रह जाते हैं। अपने देश में बहुत कुछ प्रगतिशील होता रहा है। प्रगतिशील लेखक संघ बने हैं। प्रगतिशील निर्देशकों के खेमे भी बने हैं। लेकिन, प्रगतिशील सिनेमा देखने वालों का कोई खेमा नहीं होता। ये वे दर्शक होते हैं जो ठेठ मसाला फिल्मों के दौर में भी कुछ ‘हटकर’ बना सिनेमा देखने की उम्मीद लिए रहते हैं। आयुष्मान खुराना और राजकुमार राव जैसे कलाकार उनकी इस उम्मीद के बैरोमीटर होते हैं। इन दर्शकों का मानना होता है कि इनके जैसे कलाकार जब कोई फिल्म करेंगे तो उन्हें फिल्म देखना ही चाहिए। कभी कभार ‘गुलाबो सिताबो’ और ‘जजमेंटल हैं क्या’ जैसे झटके भी दोनों देते रहते हैं लेकिन दोनों की पसंद और दोनों की हिम्मत अक्सर तारीफ के काबिल ही रहती है। इस बार तालियां आयुष्मान खुराना के लिए बजती दिख रही हैं।