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Budget 2022: टैक्स भरते-भरते गुजर रही आम आदमी की जिंदगी, जानें कहां-कहां पड़ती है मार

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टैक्स का साधारण मतलब है वो कर, जो हर आम आदमी के लिए अनिवार्य है ताकि सरकारी योजनाएं चलती रह सकें। आम आदमी जन्म से लेकर मृत्यु तक कई तरह के टैक्स चुकाने होते हैं। मोटे तौर पर समझें तो टैक्स दो श्रेणियों में बांटा जाता है। डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स। डायरेक्ट टैक्स वो है, जो सीधे लिया जाता है। इनकम टैक्स, शेयर या दूसरी प्रॉपर्टी की आय पर लगने वाले टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स, विरासत में मिली संपत्ति पर टैक्स इसी श्रेणी में आते हैं। हम आपको बता रहे हैं कि आम आदमी को कहां-कहां टैक्स देना होता है। 

कमाई पर 30 फीसदी तक इनकम टैक्स

बता दें कि टैक्स की मार से आम आदमी बुरी तरह से प्रभावित होती है। वह जो भी कमाता है, उसपर सीधे 5 फीसदी से 30 फीसदी तक इनकम टैक्स भरना पड़ता है। इसके साथ ही अपनी कमाई से ही उसे 4 फीसदी का हेल्थ और केशन सेस भी भरना होता है। यही नहीं गाड़ी खरीदने से लेकर पेट्रोल डीजल भरवाने तक, या घर खरीदने से लेकर कपड़े खरीदने तक लोगों को कई तरह के टैक्स चुकाने होते हैं। ऐसे में इस बार देश की आम जनता को सबसे बड़ी उम्मीद वित्त मंत्री से यही है कि वे टैक्स में छूट दिए जाने का कोई बड़ा एलान की सकती हैं।  

घर खरीदने पर टैक्स

– घर खरीदने की सोची तो स्टॉम्प ड्यूटी पर जीएसटी 

– घर के लिए कर्ज लिया तो प्रोसेसिंग चार्ज फिर उस पर जीएसटी 

– घर खरीद लिया तो हाउस टैक्स, वॉटर टैक्स, बिजली-मीटर तक पर अलग अलग टैक्स  

गाड़ी खरीदने पर टैक्स

– गाड़ी खरीदी तो खरीदने पर टैक्स

– गाड़ी के इंश्योरेंस पर जीएसटी के तौर पर टैक्स 

– गाड़ी सड़क पर लेकर चले तो रोड टैक्स और टोल टैक्स 

– पेट्रोल-डीजल पर टैक्स

सार्वजनिक परिवहन पर टैक्स

– अगर आम आदमी सार्वजनिक परिवहन यानी बस, मेट्रो, रेल, हवाई जहाज से चले तो टिकट पर भी टैक्स कटाता है। 

– फ्लाइट के टिकट में तो कई बार बेस फेयर से ज्यादा फ्यूल सरचार्ज, सर्विस फीस, सर्विस टैक्स का चार्ज होता है।  

– कैब में चले तो भी जनता को जीएसटी चुकाना होता है। 

घर के राशन पर टैक्स

– आम आदमी को खाने पीने और घर का राशन खरीदने के लिए भी टैक्स चुकाना होता है। यानी अगर आप घर का राशन लेते हैं तो हर एक सामान पर जीएसटी भरना होता है। दाल, चावल, तेल से लेकर बच्चों के लिए बिस्किट और चॉकलेट खरीदने तक सबपर टैक्स देना होता है। 

बचत करने पर भी टैक्स

– आपको बता दें कि आम आदमी अपने भविष्य को सुधारने के लिहाज से जो भी सेविंग करता है या पैसे बचाता है तो उस निवेश पर भी भारी-भरकम टैक्स चुकाना होता है। 

– यही नहीं अगर आप अपने बचत किए गए पैसे को निकालते हैं तो उसपर भी टैक्स चुकाना होता है। निवेश की कमाई पर शॉर्ट टर्म-लॉन्ग टर्म कैपिटेल गेन टैक्स देना जरूरी होता है। 

– यही नहीं आम आदमी बैंकों की ओर से निर्धारित सीमा से ज्यादा एटीएम ट्रांजैक्शन करता है तो उस पर भी उसे टैक्स की मार झेलनी होती है। 

जनता पर इन टैक्सों की ज्यादा मार

इनकम टैक्स: 
देश में अभी ढाई लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय पर इनकम टैक्स देना होता है।

कैपिटल गेन टैक्स: इसके तहत अगर आपकी संपत्ति, शेयर, बॉन्ड्स या महंगी वस्तुओं को बेचकर आप मुनाफा कमाते हैं तो आपको ये टैक्स सरकार को चुकाना होता है।

सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स: इसके तहत स्टॉक स्टॉक एक्सचेंज में हर ट्रांजेक्शनपर आपको टैक्स देना होता है।

कॉर्पोरेट टैक्स: इसके तहत देश भर की कंपनियां अपनी आय पर सरकार को टैक्स देती हैं।

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