स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: शक्तिराज सिंह
Updated Mon, 04 Apr 2022 09:41 PM IST
सार
सचिन चमड़िया ने बॉशिया नेशनल चौंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा बीसी-3 एकल श्रेणी और युगल श्रेणी में भी रजत पदक हासिल किया। सचिन पैरा एशियन गेम्स में भारत के लिए खेलेंगे।
दिल्ली के सचिन चमड़िया ने छठी राष्ट्रीय पैरा बोशिया चौंपियनशिप 2022 में स्वर्ण पदक जीतकर कमाल कर दिया है। राष्ट्रीय पैरा बोशिया चौंपियनशिप में उन्होंने लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता है। चितकारा विश्वविद्यालय में आयोजित इस चैंपियनशिप में 31 साल के सचिन ने एकल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा बीसी-3 श्रेणी में पंजाब की निवरण पम्मा के साथ मिक्स्ड डबल्स में दूसरा स्थान हासिल कर रजत पदक जीता। उन्होंने पिछले साल अपने प्रतिद्वंदी को 17-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था, जो एक एक रिकॉर्ड है।
सचिन का जन्म 11 दिसंबर 1990 में असम के नार्थ लखीमपुर में हुआ था। उनके पिता राजेंद्र चमड़िया स्टार सीमेंट के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। माता-पिता के मार्गदर्शन में सचिन ने बचपन से ही पढ़ाई और खेलकूद में काफी कुछ हासिल किया। 2008 में सचिन कोलकाता में एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए और 17 साल के सचिन को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी हुई। इसके बाद सचिन की छाती से नीचे के चारों अंगों ने काम करना बंद कर दिया। उन्हें दैनिक गतिविधियों के लिए अपने केयरटेकर तथा व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा।
सचिन ने नहीं मानी हार
व्हीलचेयर पर आने के बावजूद मजबूत इरादों वाले सचिन ने हार नहीं मानी। साल 2008 में ही उन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की। अब वो अपनी कंपनी ग्रोवेल्थ कैपिटल एल. एल. पी. का संचालन कर रहे हैं। 2021 में सचिन चमड़िया ने दुबई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता 5वीं फाजा दुबई 2021 वर्ल्ड एशिया-ओशिनिया रीजनल चौंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर के दिग्गज खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दी।
सचिन किसी भी नई चुनौती का सामना करने से पीछे नहीं हटते। छठी राष्ट्रीय पैरा बोशिया चौंपियनशिप-2022 में भारत के 19 राज्यों से करीबन 100 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया। सचिन ने इस प्रतियोगिता में दूसरी बार हिस्सा लिया और बीसी- 3 श्रेणी में लगातार दूसरे साल स्वर्ण पदक जीता।
क्या है बॉशिया
बॉशिया, दिव्यांग जनों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया पैरालंपिक के 22 खेलों में से एक है। इस खेल में प्रतिस्पर्धी चार श्रेणियों बीसी-1, बीसी 2. बीसी 3 तथा बीसी 4 प्रतियोगिता करते हैं। भारत में यह खेल 6 साल पहले आया तथा आज 80 से अधिक देशों में खेला जाता है। इस जीत ने सचिन के हौसलों को एक उड़ान दी है। वह अब आगामी एशियन गेम्स के लिए भारत को गोल्ड मेडल जिताने की मेहनत में लगे हुए हैं, जिसका आयोजन 2022 में चीन में होगा।
विस्तार
दिल्ली के सचिन चमड़िया ने छठी राष्ट्रीय पैरा बोशिया चौंपियनशिप 2022 में स्वर्ण पदक जीतकर कमाल कर दिया है। राष्ट्रीय पैरा बोशिया चौंपियनशिप में उन्होंने लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता है। चितकारा विश्वविद्यालय में आयोजित इस चैंपियनशिप में 31 साल के सचिन ने एकल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा बीसी-3 श्रेणी में पंजाब की निवरण पम्मा के साथ मिक्स्ड डबल्स में दूसरा स्थान हासिल कर रजत पदक जीता। उन्होंने पिछले साल अपने प्रतिद्वंदी को 17-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था, जो एक एक रिकॉर्ड है।
सचिन का जन्म 11 दिसंबर 1990 में असम के नार्थ लखीमपुर में हुआ था। उनके पिता राजेंद्र चमड़िया स्टार सीमेंट के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। माता-पिता के मार्गदर्शन में सचिन ने बचपन से ही पढ़ाई और खेलकूद में काफी कुछ हासिल किया। 2008 में सचिन कोलकाता में एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए और 17 साल के सचिन को स्पाइनल कॉर्ड इंजरी हुई। इसके बाद सचिन की छाती से नीचे के चारों अंगों ने काम करना बंद कर दिया। उन्हें दैनिक गतिविधियों के लिए अपने केयरटेकर तथा व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा।
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