Movie Review
36 फार्महाउस
कलाकार
संजय मिश्रा
,
विजय राज
,
अश्विनी कलसेकर
,
माधुरी भाटिया
,
अमोल पाराशर
और
बरखा सिंह
लेखक
सुभाष घई
और
शरद त्रिपाठी
निर्देशक
राम रमेश शर्मा
निर्माता
जी स्टूडियोज
और
मुक्ता आर्ट्स
सुभाष घई की कंपनी मुक्ता आर्ट्स लंबे समय से नए निर्देशकों को फिल्म मेकिंग का मौका देती रही है। मुकुल एस आनंद की फिल्म ‘त्रिमूर्ति’ से लेकर राम रमेश शर्मा की ’36 फार्महाउस’ तक का मुक्ता आर्ट्स का सफर भी अपने आप में किसी फिल्म से कम नहीं है। राज कपूर के बाद हिंदी सिनेमा के दूसरे शो मैन कहलाए सुभाष घई को खुद निर्देशन से दूर हुए आठ साल हो चुके हैं। संजय लीला भंसाली अब नए शो मैन हो चुके है। हालांकि, बीते कुछ साल में सुभाष घई अपनी तमाम सुपरहिट फिल्मों की सीक्वेल को लेकर खूब चर्चा में रहे हैं। पर सुभाष घई के प्रशंसक इन सीक्वेल का अब इंतजार भी नहीं करते। उनको भी पता है बदले माहौल में फिल्में बनाना इतना आसान काम नहीं रहा। बतौर निर्माता घई ने सूरज पंचोली की फिल्म ‘हीरो’ के बाद अब जाकर ये फिल्म बनाई है। फिल्म सुभाष घई और मुक्ता आर्ट्स दोनों की ब्रांडिंग को कमजोर करने वाली एक और फिल्म बनकर रह गई है।