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12 सांसदो का निलंबन: मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार की पहल को विपक्ष ने किया खारिज

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पीटीआई, दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 20 Dec 2021 12:40 AM IST

सार

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सामने आए और उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखा जिसमें कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

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सभापति द्वारा राज्यसभा सांसदों के निलंबन का मुद्दा अभी गर्म है। मामला सुलझने के आसार अभी कम है क्योंकि विपक्ष ने रविवार को 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के मुद्दे को हल करने के लिए सरकार द्वारा चार दलों के नेताओं को भेजे गए निमंत्रण को खारिज किया है। 

सूत्रों की मानें तो विपक्ष नेता पीयूष गोयल द्वारा बुलाई गई सोमवार सुबह की बैठक में शामिल नहीं होंगा क्योंकि निमंत्रण उन चार दलों के नेताओं को भेजा गया था जिनके सांसदों को निलंबित कर दिया गया है, न कि पूरे विपक्ष को।

खड़गे ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
इस मामले पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सामने आए और उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखा जिसमें कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने सभी विपक्षी नेताओं के बजाय केवल चार दलों को आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल 12 सांसदों के निलंबन के विरोध में एकजुट हैं। हम 29 नवंबर की शाम से ही अनुरोध कर रहे हैं कि या तो राज्यसभा के सभापति या सदन के नेता पीयूष गोयल गतिरोध को तोड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों के नेताओं को चर्चा के लिए बुलाएं।

डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर दी प्रतिक्रिया
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एक ऐसी सरकार का सोमवार सुबह का स्टंट जोकि संसद को संचालित नहीं होने देना चाहती। सरकार ने उन चार दलों के नेताओं को बुलाया है जिनके 12 राज्यसभा सदस्यों को मनमाने तरीके से निलंबित कर दिया गया।

माकपा ने कहा सरकार की कार्रवाई गंभीर नहीं
साथ ही माकपा सांसद इलामाराम करीम ने भी संसदीय कार्यमंत्री जोशी को ऐसा ही एक पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने निलंबन के तीन सप्ताह बाद भी विपक्ष के साथ इस तरह की बातचीत में देरी की है। अब भी सरकार की कार्रवाई गंभीर नहीं है क्योंकि बैठक केवल निलंबित सांसदों के दलों के लिए है।

विस्तार

सभापति द्वारा राज्यसभा सांसदों के निलंबन का मुद्दा अभी गर्म है। मामला सुलझने के आसार अभी कम है क्योंकि विपक्ष ने रविवार को 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के मुद्दे को हल करने के लिए सरकार द्वारा चार दलों के नेताओं को भेजे गए निमंत्रण को खारिज किया है। 

सूत्रों की मानें तो विपक्ष नेता पीयूष गोयल द्वारा बुलाई गई सोमवार सुबह की बैठक में शामिल नहीं होंगा क्योंकि निमंत्रण उन चार दलों के नेताओं को भेजा गया था जिनके सांसदों को निलंबित कर दिया गया है, न कि पूरे विपक्ष को।

खड़गे ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

इस मामले पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सामने आए और उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखा जिसमें कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने सभी विपक्षी नेताओं के बजाय केवल चार दलों को आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल 12 सांसदों के निलंबन के विरोध में एकजुट हैं। हम 29 नवंबर की शाम से ही अनुरोध कर रहे हैं कि या तो राज्यसभा के सभापति या सदन के नेता पीयूष गोयल गतिरोध को तोड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों के नेताओं को चर्चा के लिए बुलाएं।

डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर दी प्रतिक्रिया

इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि एक ऐसी सरकार का सोमवार सुबह का स्टंट जोकि संसद को संचालित नहीं होने देना चाहती। सरकार ने उन चार दलों के नेताओं को बुलाया है जिनके 12 राज्यसभा सदस्यों को मनमाने तरीके से निलंबित कर दिया गया।

माकपा ने कहा सरकार की कार्रवाई गंभीर नहीं

साथ ही माकपा सांसद इलामाराम करीम ने भी संसदीय कार्यमंत्री जोशी को ऐसा ही एक पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने निलंबन के तीन सप्ताह बाद भी विपक्ष के साथ इस तरह की बातचीत में देरी की है। अब भी सरकार की कार्रवाई गंभीर नहीं है क्योंकि बैठक केवल निलंबित सांसदों के दलों के लिए है।

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