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हैकर ने पीड़ितों को भी नहीं बख्शा: Red Cross पर बड़ा साइबर अटैक, पांच लाख लोगों का पर्सनल डाटा चोरी
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Thu, 20 Jan 2022 11:48 AM IST
सार
इस डाटा लीक में ऐसे लोगों की जानकारी शामिल है जो लापता हुए थे या किसी कारण उन्हें हिरासत में लिया गया था। जिन डाटा को हैकर्स ने अपने कब्जे में लिया है उनमें करीब 60 रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट चैप्टर सेंटर की जानकारी हैं।
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जिनेवा स्थित एजेंसी ने बुधवार को कहा कि हैकर्स की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। इस डाटा चोरी में करीब 5,15, 000 ऐसे लोगों के डाटा चोरी हुए हैं जो किसी आपदा या किसी लड़ाई के कारण अपने परिवार से अलग हो गए हैं। इस डाटा लीक में ऐसे लोगों की जानकारी शामिल है जो लापता हुए थे या किसी कारण उन्हें हिरासत में लिया गया था। जिन डाटा को हैकर्स ने अपने कब्जे में लिया है उनमें करीब 60 रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट चैप्टर सेंटर की जानकारी हैं।
रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICRC) के महानिदेशक रॉबर्ट मर्दिनी ने एक बयान में कहा, “जो लोग पहले से ही लापता हैं, ऐसे में उनके डाटा का चोरी होना उनके परिवारों की पीड़ा को और बढ़ाने वाला है। हम सभी हैरान हैं कि इस तरह की जानकारियां भी चोरी हो सकती हैं।”
ICRC ने कहा है कि हैकर ने स्विट्जरलैंड एक थर्ड पार्टी संस्था को निशाना बनाया है जो कि मानवीय संगठन के लिए डाटा इकट्ठा करती है, हालांकि अभी तक इस बात की जानकारी नहीं है कि चोरी हुए डाटा को हैकर ने सार्वजनिक किया है या नहीं। ICRC के प्रवक्ता ने कहा है कि इससे पहले रेड क्रॉस पर इस तरह का कभी कोई साइबर अटैक नहीं हुआ है।
विस्तार
युद्ध पीड़ितों की मदद करने वाली रेड क्रॉस (Red Cross) पर बड़ा साइबर अटैक हुआ है। Red Cross ने कहा है कि उसके डाटा सेंटर में हैकर ने सेंध लगाई है। इस सेंधमारी में करीब 5,15,000 लोगों की निजी और अहम जानकारी लीक हुई है।
जिनेवा स्थित एजेंसी ने बुधवार को कहा कि हैकर्स की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। इस डाटा चोरी में करीब 5,15, 000 ऐसे लोगों के डाटा चोरी हुए हैं जो किसी आपदा या किसी लड़ाई के कारण अपने परिवार से अलग हो गए हैं। इस डाटा लीक में ऐसे लोगों की जानकारी शामिल है जो लापता हुए थे या किसी कारण उन्हें हिरासत में लिया गया था। जिन डाटा को हैकर्स ने अपने कब्जे में लिया है उनमें करीब 60 रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट चैप्टर सेंटर की जानकारी हैं।
रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICRC) के महानिदेशक रॉबर्ट मर्दिनी ने एक बयान में कहा, “जो लोग पहले से ही लापता हैं, ऐसे में उनके डाटा का चोरी होना उनके परिवारों की पीड़ा को और बढ़ाने वाला है। हम सभी हैरान हैं कि इस तरह की जानकारियां भी चोरी हो सकती हैं।”
ICRC ने कहा है कि हैकर ने स्विट्जरलैंड एक थर्ड पार्टी संस्था को निशाना बनाया है जो कि मानवीय संगठन के लिए डाटा इकट्ठा करती है, हालांकि अभी तक इस बात की जानकारी नहीं है कि चोरी हुए डाटा को हैकर ने सार्वजनिक किया है या नहीं। ICRC के प्रवक्ता ने कहा है कि इससे पहले रेड क्रॉस पर इस तरह का कभी कोई साइबर अटैक नहीं हुआ है।