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सैटेलाइट इंटरनेट के लिए जियो ने की SES के साथ साझेदारी, 100GBPS की स्पीड से मिलेगा इंटरनेट
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Mon, 14 Feb 2022 11:02 AM IST
सार
नेटवर्क के मल्टी-गीगाबाइट लिंक से भारत समेत पड़ोसी देशों के बिजनेस, मोबाइल और खुदरा ग्राहक भी जुड़े सकेंगे। एसईएस 100 जीबीपीएस की स्पीड से इंटरनेट उपलब्ध कराएगा जिसको जियो अपने मजबूत सेल्स नेटवर्क से बेचेगा।
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इस नेटवर्क में जियोस्टेशनरी (जीईओ) और मीडियम अर्थ ऑर्बिट (एमईओ) सैटेलाइट्स का इस्तेमाल किया जाएगा। नेटवर्क के मल्टी-गीगाबाइट लिंक से भारत समेत पड़ोसी देशों के बिजनेस, मोबाइल और खुदरा ग्राहक भी जुड़े सकेंगे। एसईएस 100 जीबीपीएस की स्पीड से इंटरनेट उपलब्ध कराएगा जिसको जियो अपने मजबूत सेल्स नेटवर्क से बेचेगा।
नए वेंचर में जहां SES अपने मॉडर्न सैटेलाइट देगा वहीं जियो गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर का संचालन व प्रबंधन करेगा। कंपनी ने बयान में कहा है कि कोविड -19 ने हमें सिखाया है कि नई डिजिटल अर्थव्यवस्था में पूर्ण भागीदारी के लिए ब्रॉडबैंड तक पहुंच जरूरी है। यह संयुक्त उद्यम भारत को डिजिटल सेवाओं से जोड़गा।
निवेश योजना के हिस्से के रूप में, संयुक्त उद्यम देश के भीतर सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत में व्यापक गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगा। इस डील के तहत जियो अगले कुछ वर्षों में लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के गेटवे और उपकरण खरीदेगा।
जियो के निदेशक आकाश अंबानी ने कहा, ‘हम अपनी फाइबर-आधारित कनेक्टिविटी और एफटीटीएच बिजनेस के साथ 5 जी में निवेश जारी रखेंगे। दूसरी तरफ एसईएस के साथ यह नया वेंचर मल्टीगीगाबाइट ब्रॉडबैंड के विकास को और तेज करेगा। उपग्रह संचार सेवाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली अतिरिक्त कवरेज और क्षमता के साथ, जियो दूरस्थ शहरों और गांवों, उद्यमों, सरकारी प्रतिष्ठानों और उपभोक्ताओं को नए डिजिटल इंडिया से जोड़ेगा।’
एसईएस के सीईओ स्टीव कॉलर ने कहा, ‘जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ यह संयुक्त उद्यम इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे एसईएस उच्च गुणवत्ता वाले कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सबसे व्यापक जमीनी नेटवर्क का पूरक हो सकता है, और लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। हम इस संयुक्त उद्यम के लिए तैयार हैं।’
विस्तार
इस नेटवर्क में जियोस्टेशनरी (जीईओ) और मीडियम अर्थ ऑर्बिट (एमईओ) सैटेलाइट्स का इस्तेमाल किया जाएगा। नेटवर्क के मल्टी-गीगाबाइट लिंक से भारत समेत पड़ोसी देशों के बिजनेस, मोबाइल और खुदरा ग्राहक भी जुड़े सकेंगे। एसईएस 100 जीबीपीएस की स्पीड से इंटरनेट उपलब्ध कराएगा जिसको जियो अपने मजबूत सेल्स नेटवर्क से बेचेगा।
नए वेंचर में जहां SES अपने मॉडर्न सैटेलाइट देगा वहीं जियो गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर का संचालन व प्रबंधन करेगा। कंपनी ने बयान में कहा है कि कोविड -19 ने हमें सिखाया है कि नई डिजिटल अर्थव्यवस्था में पूर्ण भागीदारी के लिए ब्रॉडबैंड तक पहुंच जरूरी है। यह संयुक्त उद्यम भारत को डिजिटल सेवाओं से जोड़गा।
निवेश योजना के हिस्से के रूप में, संयुक्त उद्यम देश के भीतर सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत में व्यापक गेटवे इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगा। इस डील के तहत जियो अगले कुछ वर्षों में लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर के गेटवे और उपकरण खरीदेगा।
जियो के निदेशक आकाश अंबानी ने कहा, ‘हम अपनी फाइबर-आधारित कनेक्टिविटी और एफटीटीएच बिजनेस के साथ 5 जी में निवेश जारी रखेंगे। दूसरी तरफ एसईएस के साथ यह नया वेंचर मल्टीगीगाबाइट ब्रॉडबैंड के विकास को और तेज करेगा। उपग्रह संचार सेवाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली अतिरिक्त कवरेज और क्षमता के साथ, जियो दूरस्थ शहरों और गांवों, उद्यमों, सरकारी प्रतिष्ठानों और उपभोक्ताओं को नए डिजिटल इंडिया से जोड़ेगा।’
एसईएस के सीईओ स्टीव कॉलर ने कहा, ‘जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ यह संयुक्त उद्यम इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे एसईएस उच्च गुणवत्ता वाले कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सबसे व्यापक जमीनी नेटवर्क का पूरक हो सकता है, और लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। हम इस संयुक्त उद्यम के लिए तैयार हैं।’