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सराहनीय: अमेरिका ने 110 करोड़ रुपये की प्राचीन वस्तुएं भारत को लौटाईं

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एजेंसी, न्यूयॉर्क।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 29 Oct 2021 05:26 AM IST

सार

साल 2011 से 2020 तक मैनहट्टन के डिस्ट्रिक्ट अटार्नी कार्यालय और होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन ने कपूर और उसके नेटवर्क द्वारा तस्करी की गई करीब 2500 चीजें बरामद की। इन बरामद वस्तुओं की कीमत करीब 1070 करोड़ रुपये है

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अमेरिका ने बृहस्पतिवार को भारत को 248 प्राचीन बहुमूल्य वस्तुएं भारत को लौटा दीं जिनका मूल्य करीब डेढ करोड़ डॉलर यानी 110 करोड़ रुपये होता है। इन बहुमूल्य वस्तुओं में 12वीं सदी की नटराज की कांस्य प्रतिमा भी है।

ये असाधारण वस्तुएं पिछले एक दशक में पांच अलग-अलग आपराधिक जांचों के दौरान एकत्र हुई हैं। मैनहट्टन के डिस्ट्रिक्ट अटार्नी साए वेन्स जूनियर ने एक बयान में कहा कि ये वस्तुएं प्राचीन और आधुनिक भारत के बीच एक कालातीन सांस्कृतिक और लौकिक पुल की तरह हैं।

उन्होंने कहा, भारत के महावाणिज्यदूत रणधीर जायसवाल और अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन के डिप्टी स्पेशल एजेंट इंचार्ज एरिक रोजेनब्लेट की मौजूदगी में एक समारोह में ये 248 वस्तुएं भारत वापस ले जाने के लिए सौंप दी गई।

इस अवसर पर जायसवाल ने मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटार्नी को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। वेन्स ने कहा कि भारत को सौंपी गई प्राचीन वस्तुओं की ये अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।

उन्होंने ये भी कहा कि ये समारोह उन लोगों को ये बताने का एक संभावित तरीका है कि निजी लाभ के लिए पवित्र मंदिरों से मूर्तियां चुराना सिर्फ देश के प्रति नहीं बल्कि देश के वर्तमान और भविष्य के प्रति भी अपराध है।

इन 248 वस्तुओं में 235 जेल में बंद आर्ट डीलर सुभाष कपूर से बरामद की गई हैं। कपूर और उसके सहयोगी भारत से चुराई चीजें मैनहट्टन लाकर कपूर के मेडिसन एवेन्यू स्थित गैलरी के जरिये बेचते थे।

होमलैंड सिक्योरिटी न्यूयॉर्क के कार्यकारी स्पेशल एजेंट इंचार्ज रिकी पटेल ने कहा कि ये सभी वस्तुएं भारत की व्यापक सांस्कृति विरासत का हिस्सा हैं और वो भारत के लोगों के पास वापस जा रही हैं। 

विस्तार

अमेरिका ने बृहस्पतिवार को भारत को 248 प्राचीन बहुमूल्य वस्तुएं भारत को लौटा दीं जिनका मूल्य करीब डेढ करोड़ डॉलर यानी 110 करोड़ रुपये होता है। इन बहुमूल्य वस्तुओं में 12वीं सदी की नटराज की कांस्य प्रतिमा भी है।

ये असाधारण वस्तुएं पिछले एक दशक में पांच अलग-अलग आपराधिक जांचों के दौरान एकत्र हुई हैं। मैनहट्टन के डिस्ट्रिक्ट अटार्नी साए वेन्स जूनियर ने एक बयान में कहा कि ये वस्तुएं प्राचीन और आधुनिक भारत के बीच एक कालातीन सांस्कृतिक और लौकिक पुल की तरह हैं।

उन्होंने कहा, भारत के महावाणिज्यदूत रणधीर जायसवाल और अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन के डिप्टी स्पेशल एजेंट इंचार्ज एरिक रोजेनब्लेट की मौजूदगी में एक समारोह में ये 248 वस्तुएं भारत वापस ले जाने के लिए सौंप दी गई।

इस अवसर पर जायसवाल ने मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटार्नी को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। वेन्स ने कहा कि भारत को सौंपी गई प्राचीन वस्तुओं की ये अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।

उन्होंने ये भी कहा कि ये समारोह उन लोगों को ये बताने का एक संभावित तरीका है कि निजी लाभ के लिए पवित्र मंदिरों से मूर्तियां चुराना सिर्फ देश के प्रति नहीं बल्कि देश के वर्तमान और भविष्य के प्रति भी अपराध है।

इन 248 वस्तुओं में 235 जेल में बंद आर्ट डीलर सुभाष कपूर से बरामद की गई हैं। कपूर और उसके सहयोगी भारत से चुराई चीजें मैनहट्टन लाकर कपूर के मेडिसन एवेन्यू स्थित गैलरी के जरिये बेचते थे।

होमलैंड सिक्योरिटी न्यूयॉर्क के कार्यकारी स्पेशल एजेंट इंचार्ज रिकी पटेल ने कहा कि ये सभी वस्तुएं भारत की व्यापक सांस्कृति विरासत का हिस्सा हैं और वो भारत के लोगों के पास वापस जा रही हैं। 

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