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सरकार की सख्ती: सेब और टमाटर के दो कीटनाशकों पर प्रतिबंध, एक फरवरी से आयात, विनिर्माण पर रोक
अमर उजाला ब्यूरो/एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 21 Dec 2021 08:50 AM IST
सार
आदेश के मुताबिक, कंपनियों को पुराना स्टॉक खाली करने का समय दिया जाएगा। वे 31 जनवरी, 2022 तक बने उत्पादों को 2024 तक बेच सकेंगी। केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड ने 2020 में दोनों रसायनों पर प्रतिबंध की मांग की थी।
कीटनाशक (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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आदेश के मुताबिक, कंपनियों को पुराना स्टॉक खाली करने का समय दिया जाएगा। वे 31 जनवरी, 2022 तक बने उत्पादों को 2024 तक बेच सकेंगी। केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड ने 2020 में दोनों रसायनों पर प्रतिबंध की मांग की थी। बोर्ड का कहना था कि सेब, टमाटर जैसे जरूरी खाद्य उत्पादों पर इस रसायन का इस्तेमाल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है।
यह चावल, आलू को सुरक्षित रखने में भी इस्तेमाल होता है। इन रसायनों में गंभीर संक्रमण रोकने की क्षमता है, जिससे ये उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डाल सकते हैं। सरकार ने जुलाई में सदन को बताया था कि देश में इस्तेमाल होने वाले 27 कीटनाशकों की समीक्षा हो रही, जिन पर जांच के बाद प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
खुदरा बिक्री महामारी पूर्व स्तर से भी 9 फीसदी ज्यादा
उपभोक्ता टिकाऊ और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के दम पर नवंबर में घरेलू खुदरा बिक्री कोरोना पूर्व स्तर (नवंबर, 2019) से 9 फीसदी बढ़ गई। 2020 के समान महीने के मुकाबले बिक्री में 16 फीसदी तेजी रही।
भारतीय खुदरा संघ (आरएआई) ने कहा कि घरेलू बाजार में बिक्री बढ़ना कारोबार में सुधार का संकेत है। सभी क्षेत्रों में खुदरा व्यवसायों ने महामारी पूर्व स्तर के मुकाबले बिक्री में बढ़ोतरी का संकेत दिया है। पश्चिम भारत में खुदरा बिक्री 11 फीसदी ज्यादा रही।
तीसरी लहर की आशंका चिंताजनक
आरएआई के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा, उम्मीद है कि सुधार का रुख कायम रहेगा। हालांकि, ओमिक्रॉन के कारण तीसरी लहर की आशंका चिंताजनक है। सर्वे के मुताबिक, नवंबर में उपभोक्ता टिकाऊ और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की खुदरा बिक्री महामारी पूर्व स्तर से 32 फीसदी ज्यादा रही। खाने-पीने की वस्तुओं में भी तेजी दिख रही है।
विस्तार
आदेश के मुताबिक, कंपनियों को पुराना स्टॉक खाली करने का समय दिया जाएगा। वे 31 जनवरी, 2022 तक बने उत्पादों को 2024 तक बेच सकेंगी। केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड ने 2020 में दोनों रसायनों पर प्रतिबंध की मांग की थी। बोर्ड का कहना था कि सेब, टमाटर जैसे जरूरी खाद्य उत्पादों पर इस रसायन का इस्तेमाल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है।
यह चावल, आलू को सुरक्षित रखने में भी इस्तेमाल होता है। इन रसायनों में गंभीर संक्रमण रोकने की क्षमता है, जिससे ये उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डाल सकते हैं। सरकार ने जुलाई में सदन को बताया था कि देश में इस्तेमाल होने वाले 27 कीटनाशकों की समीक्षा हो रही, जिन पर जांच के बाद प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
खुदरा बिक्री महामारी पूर्व स्तर से भी 9 फीसदी ज्यादा
उपभोक्ता टिकाऊ और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के दम पर नवंबर में घरेलू खुदरा बिक्री कोरोना पूर्व स्तर (नवंबर, 2019) से 9 फीसदी बढ़ गई। 2020 के समान महीने के मुकाबले बिक्री में 16 फीसदी तेजी रही।
भारतीय खुदरा संघ (आरएआई) ने कहा कि घरेलू बाजार में बिक्री बढ़ना कारोबार में सुधार का संकेत है। सभी क्षेत्रों में खुदरा व्यवसायों ने महामारी पूर्व स्तर के मुकाबले बिक्री में बढ़ोतरी का संकेत दिया है। पश्चिम भारत में खुदरा बिक्री 11 फीसदी ज्यादा रही।
तीसरी लहर की आशंका चिंताजनक
आरएआई के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा, उम्मीद है कि सुधार का रुख कायम रहेगा। हालांकि, ओमिक्रॉन के कारण तीसरी लहर की आशंका चिंताजनक है। सर्वे के मुताबिक, नवंबर में उपभोक्ता टिकाऊ और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की खुदरा बिक्री महामारी पूर्व स्तर से 32 फीसदी ज्यादा रही। खाने-पीने की वस्तुओं में भी तेजी दिख रही है।