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लड़ेंगे कोरोना से: फाइजर ने किया अहम समझौता, अन्य कंपनियों को देगी अपनी दवा बनाने की अनुमति

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वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 16 Nov 2021 11:00 PM IST

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दवा निर्माता कंपनी फाइजर ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से समर्थन प्राप्त एक समूह के साथ करार किया है। यह समझौता कंपनी कोविड-19 की अपनी प्रायोगिक दवा बनाने की अनुमति अन्य कंपनियों को देने के लिए किया है। माना जा रहा है कि फाइजर का यह कदम दुनिया की आधी से अधिक आबादी को इलाज उपलब्ध करवा सकता है।

इस संबंध में मंगलवार को जारी एक बयान में फाइजर ने कहा कि हम एंटीवायरल दवा के लिए जिनेवा स्थित ‘मेडिसिन्स पेटेंट पूल’ को लाइसेंस देंगे, जो जेनरिक दवा निर्माता कंपनियों को इसका उत्पादन करने की अनुमति देगा। इससे दुनिया के 95 देशों में यह दवा उपलब्ध हो सकेगी। इन देशों में दुनिया की 52 फीसदी आबादी रहती है।

हालांकि, इस समझौते में कुछ बड़े देशों को शामिल नहीं किया गया है, जिन्हें कोरोना वायरस महामारी ने बुरी तरह प्रभावित किया था। उदाहरण के तौर पर ब्राजील की कोई दवा कंपनी इसे अन्य देशों में निर्यात करने के लिए निर्माण का लाइसेंस पा सकती है। लेकिन ब्राजील में उपयोग के लिए इसे जेनरिक तरीके से नहीं बनाया जा सकता।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह तथ्य कि इस दवा को कहीं अनुमति मिलने से पहले यह समझौता होना महामारी को जल्दी खत्म करने में मददगार साबित हो सकता है। मेडिसिन्स पेटेंट पूल के पॉलिसी अध्यक्ष एस्तेबान बरोन ने कहा कि यह काफी अहम है कि चार अरब से अधिक लोगों को हम ये दवा उपलब्ध कराने में सक्षम होंगे।

दवा निर्माता कंपनी फाइजर ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से समर्थन प्राप्त एक समूह के साथ करार किया है। यह समझौता कंपनी कोविड-19 की अपनी प्रायोगिक दवा बनाने की अनुमति अन्य कंपनियों को देने के लिए किया है। माना जा रहा है कि फाइजर का यह कदम दुनिया की आधी से अधिक आबादी को इलाज उपलब्ध करवा सकता है।

इस संबंध में मंगलवार को जारी एक बयान में फाइजर ने कहा कि हम एंटीवायरल दवा के लिए जिनेवा स्थित ‘मेडिसिन्स पेटेंट पूल’ को लाइसेंस देंगे, जो जेनरिक दवा निर्माता कंपनियों को इसका उत्पादन करने की अनुमति देगा। इससे दुनिया के 95 देशों में यह दवा उपलब्ध हो सकेगी। इन देशों में दुनिया की 52 फीसदी आबादी रहती है।

हालांकि, इस समझौते में कुछ बड़े देशों को शामिल नहीं किया गया है, जिन्हें कोरोना वायरस महामारी ने बुरी तरह प्रभावित किया था। उदाहरण के तौर पर ब्राजील की कोई दवा कंपनी इसे अन्य देशों में निर्यात करने के लिए निर्माण का लाइसेंस पा सकती है। लेकिन ब्राजील में उपयोग के लिए इसे जेनरिक तरीके से नहीं बनाया जा सकता।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह तथ्य कि इस दवा को कहीं अनुमति मिलने से पहले यह समझौता होना महामारी को जल्दी खत्म करने में मददगार साबित हो सकता है। मेडिसिन्स पेटेंट पूल के पॉलिसी अध्यक्ष एस्तेबान बरोन ने कहा कि यह काफी अहम है कि चार अरब से अधिक लोगों को हम ये दवा उपलब्ध कराने में सक्षम होंगे।

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