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मेघालय हाईकोर्ट: शिलांग हवाई अड्डे के विस्तार के लिए डीजीसीए और एएआई हलफनामा दायर करे

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एजेंसी, शिलॉन्ग।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 16 Feb 2022 02:36 AM IST

सार

पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, राज्य सरकार हवाई अड्डे से दूर पहाड़ों को काटने के लिए ढेर सारा पैसा खर्च कर रही है लेकिन लंबी दूरी की उड़ानों को संभालने और बड़े विमानों को जगह देने के वास्ते विमानतल के विस्तार के बारे में कोई रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है।

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मेघालय हाईकोर्ट ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से शिलॉन्ग हवाई अड्डेे के विस्तार के लिए हलफनामा दायर करने के लिए कहा है।

अदालत ने कहा कि राज्य में पहुंचने में लगने वाले समय में कटौती करने के उद्देश्य से लंबी दूरी की उड़ानों और बड़े विमानों को जगह देने के लिए शिलॉन्ग विमानतल के विस्तार की संभावना की तलाश की जाए।

मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सोमवार को हुई सुनवाई के लिए पारित आदेश में कहा, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और नागर विमानन महानिदेशालय को हलफनामा दाखिल कर बताना है कि उमरोई हवाई अड्डे का विस्तार करके उसमें बोईंग जैसे विमान और लंबी दूरी की उड़ान को जगह देने की संभावना है या नहीं।

पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, राज्य सरकार हवाई अड्डे से दूर पहाड़ों को काटने के लिए ढेर सारा पैसा खर्च कर रही है लेकिन लंबी दूरी की उड़ानों को संभालने और बड़े विमानों को जगह देने के वास्ते विमानतल के विस्तार के बारे में कोई रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है।

आदेश में राज्य की ओर से कहा गया कि दोनों तरफ के पर्वत को काटकर रनवे के आगे समतल भूमि को विस्तार देने के लिए ढेर सारा पैसा खर्च किया गया।

यह संभव है कि बोईंग और बड़े विमानों को संभालने के लिए सुरक्षित रनवे के निर्माण से पहले और पहाड़ों को काटा जाए। अदालत ने कहा कि मेघालय में पर्यटन विस्तार की अपार संभावनाएं हैं।

विस्तार

मेघालय हाईकोर्ट ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से शिलॉन्ग हवाई अड्डेे के विस्तार के लिए हलफनामा दायर करने के लिए कहा है।

अदालत ने कहा कि राज्य में पहुंचने में लगने वाले समय में कटौती करने के उद्देश्य से लंबी दूरी की उड़ानों और बड़े विमानों को जगह देने के लिए शिलॉन्ग विमानतल के विस्तार की संभावना की तलाश की जाए।

मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सोमवार को हुई सुनवाई के लिए पारित आदेश में कहा, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और नागर विमानन महानिदेशालय को हलफनामा दाखिल कर बताना है कि उमरोई हवाई अड्डे का विस्तार करके उसमें बोईंग जैसे विमान और लंबी दूरी की उड़ान को जगह देने की संभावना है या नहीं।

पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, राज्य सरकार हवाई अड्डे से दूर पहाड़ों को काटने के लिए ढेर सारा पैसा खर्च कर रही है लेकिन लंबी दूरी की उड़ानों को संभालने और बड़े विमानों को जगह देने के वास्ते विमानतल के विस्तार के बारे में कोई रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है।

आदेश में राज्य की ओर से कहा गया कि दोनों तरफ के पर्वत को काटकर रनवे के आगे समतल भूमि को विस्तार देने के लिए ढेर सारा पैसा खर्च किया गया।

यह संभव है कि बोईंग और बड़े विमानों को संभालने के लिए सुरक्षित रनवे के निर्माण से पहले और पहाड़ों को काटा जाए। अदालत ने कहा कि मेघालय में पर्यटन विस्तार की अपार संभावनाएं हैं।

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