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मनी लॉन्ड्रिंग केस: दादी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगी संजय चंद्रा की पत्नी, सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति

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बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Fri, 25 Mar 2022 12:31 PM IST

सार

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और एम आर शाह की पीठ ने प्रीति चंद्रा को जेल से बाहर जाने से पहले अपना डोमिनिकन गणराज्य पासपोर्ट या कोई अन्य पासपोर्ट जांच अधिकारी को जमा करने के लिए कहा। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि वह किसी के साथ संवाद करने या किसी अन्य दस्तावेज तक पहुंचने के लिए किसी भी सेल फोन का उपयोग नहीं करेंगी।
 

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा को शर्तों के साथ सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच अपनी दादी के अंतिम संस्कार समारोह में शामिल होने की अनुमति दे दी है। जिनका निधन बीती 14 मार्च को हो गया था।

इन शर्तों के साथ दी गई अनुमाति
अपने आदेश में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने प्रीति चंद्रा को जेल से बाहर जाने से पहले अपना डोमिनिकन गणराज्य पासपोर्ट या कोई अन्य पासपोर्ट जांच अधिकारी को जमा करने के लिए कहा। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि वह किसी के साथ संवाद करने या किसी अन्य दस्तावेज तक पहुंचने के लिए किसी भी सेल फोन का उपयोग नहीं करेंगी।  प्रीति चंद्रा को दिल्ली पुलिस के चार कर्मियों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों द्वारा निर्दिष्ट स्थान पर ले जाया जाएगा।

प्रवर्तन निदेशालय ने किया विरोध
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राहत का विरोध करते हुए कहा था कि यह जोखिम भरा है क्योंकि प्रीति चंद्रा को डोमिनिकन गणराज्य की नागरिकता हासिल हो चुकी है, जिसके साथ भारत की कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने कहा कि प्रीति यूनिटेक की विभिन्न शेल कंपनियों में निदेशक हैं और यूएई से चलाए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन में उनकी प्रमुख भूमिका थी।

विस्तार

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा को शर्तों के साथ सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच अपनी दादी के अंतिम संस्कार समारोह में शामिल होने की अनुमति दे दी है। जिनका निधन बीती 14 मार्च को हो गया था।

इन शर्तों के साथ दी गई अनुमाति

अपने आदेश में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने प्रीति चंद्रा को जेल से बाहर जाने से पहले अपना डोमिनिकन गणराज्य पासपोर्ट या कोई अन्य पासपोर्ट जांच अधिकारी को जमा करने के लिए कहा। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि वह किसी के साथ संवाद करने या किसी अन्य दस्तावेज तक पहुंचने के लिए किसी भी सेल फोन का उपयोग नहीं करेंगी।  प्रीति चंद्रा को दिल्ली पुलिस के चार कर्मियों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों द्वारा निर्दिष्ट स्थान पर ले जाया जाएगा।

प्रवर्तन निदेशालय ने किया विरोध

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राहत का विरोध करते हुए कहा था कि यह जोखिम भरा है क्योंकि प्रीति चंद्रा को डोमिनिकन गणराज्य की नागरिकता हासिल हो चुकी है, जिसके साथ भारत की कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने कहा कि प्रीति यूनिटेक की विभिन्न शेल कंपनियों में निदेशक हैं और यूएई से चलाए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन में उनकी प्रमुख भूमिका थी।

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