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बैंकिंग धोखाधड़ी: 2021 में 1.45 लाख मामले दर्ज, ई-बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड से संबंधित शिकायतों में वृद्धि

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अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 09 Feb 2022 03:52 AM IST

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केंद्र सरकार ने कहा है कि 2020-21 में आरबीआई ने वित्तीय धोखाधड़ी की 1,45,309 शिकायतें दर्ज कीं, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 1,35,448 थीं। राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि उक्त दोनों वित्त वर्षों के दौरान एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और मोबाइल बैंकिंग से जुड़ी धोखाधड़ी में 13 फीसदी की कमी आई। हालांकि मोबाइल या ई-बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड से संबंधित धोखाधड़ी की शिकायतों में क्रमश: 12 और 53 फीसदी की वृद्धि हुई है।

आरोप के बाद सीईएल को बेचने की प्रक्रिया स्थगित
सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) को खरीदने के लिए 210 करोड़ रुपये की बोली लगाने वाली कंपनी को सरकार ने लेटर ऑफ इंटेट जारी नहीं किया। वित्त राज्य मंत्री भागवत किशनराव कराडी ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि दरअसल बोली जीतने वाली कंपनी के खिलाफ कुछ आरोपों की जांच लंबित है।

उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक व औद्योगिक शोध विभाग की अधीनस्थ कंपनी सीईएल के सौ फीसदी शेयरों की नवंबर में नीलामी की गई, जिसमें सबसे ज्यादा 210 करोड़ रुपये की बोली दिल्ली स्थित नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड ने लगाई। जांच में पता चला कि कंपनी कई मानदंडों को पूरा नहीं करती है, जो विनिवेश नीति का हिस्सा है।

केंद्र सरकार ने कहा है कि 2020-21 में आरबीआई ने वित्तीय धोखाधड़ी की 1,45,309 शिकायतें दर्ज कीं, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 1,35,448 थीं। राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि उक्त दोनों वित्त वर्षों के दौरान एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और मोबाइल बैंकिंग से जुड़ी धोखाधड़ी में 13 फीसदी की कमी आई। हालांकि मोबाइल या ई-बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड से संबंधित धोखाधड़ी की शिकायतों में क्रमश: 12 और 53 फीसदी की वृद्धि हुई है।

आरोप के बाद सीईएल को बेचने की प्रक्रिया स्थगित

सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) को खरीदने के लिए 210 करोड़ रुपये की बोली लगाने वाली कंपनी को सरकार ने लेटर ऑफ इंटेट जारी नहीं किया। वित्त राज्य मंत्री भागवत किशनराव कराडी ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि दरअसल बोली जीतने वाली कंपनी के खिलाफ कुछ आरोपों की जांच लंबित है।

उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक व औद्योगिक शोध विभाग की अधीनस्थ कंपनी सीईएल के सौ फीसदी शेयरों की नवंबर में नीलामी की गई, जिसमें सबसे ज्यादा 210 करोड़ रुपये की बोली दिल्ली स्थित नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड ने लगाई। जांच में पता चला कि कंपनी कई मानदंडों को पूरा नहीं करती है, जो विनिवेश नीति का हिस्सा है।

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