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पश्चिम बंगाल : टीएमसी ने कहा- वोट शेयर में वृद्धि के भाजपा के दावे चुनावी पराजय पर पर्दा डालने की कोशिश
सार
वरिष्ठ टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने पश्चिम बंगाल में वोट शेयर में वृद्धि के भाजपा के दावे पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि यह राज्य में चुनावी हार की अनदेखी करने और चुनाव परिणाम के बाद पार्टी में तेजी से बिखराव पर रोक लगाने का एक हताशापूर्ण कदम है।
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तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। नड्डा ने नई दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन और वोट प्रतिशत में वृद्धि को रेखांकित करते हुए इनकी तुलना 2016 के विधानसभा चुनाव और 2014 तथा 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी के वोट प्रतिशत से की।
नड्डा ने यह भी कहा कि बंगाल में भाजपा की बढ़त जैसे भारतीय राजनीति में बहुत कम उदाहरण हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रॉय ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के इस तरह के दावे चुनावी पराजय से ध्यान भटकाने के प्रयास हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में भाजपा बिखर रही है और इस स्थिति से केंद्रीय नेतृत्व वाकिफ है।’’
रॉय ने संवाददाताओं से कहा, यदि आप कोलकाता में पिछले दो चरणों के उपचुनावों में भाजपा के प्रदर्शन को देखें, तो आप पाएंगे कि पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान 38 प्रतिशत से उनका वोट प्रतिशत घटकर 9-10 प्रतिशत हो गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह के बयानों के जरिए पश्चिम बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन सभी प्रयास बेकार जाएंगे। भगवा पार्टी को राज्य में हाल के उपचुनावों और इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।
जेपी नड्डा ने टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित राजनीतिक हिंसा पर भी कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तरफ से स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम चुप नहीं बैठने वाले हैं। हम बंगाल में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए लोकतांत्रिक तरीके से निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे और राज्य में कमल खिलेगा।’
रॉय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि भाजपा बंगाल में हुई छिटपुट घटना और स्थानीय विवाद को चुनाव के बाद की हिंसा बता रही है और इसके लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने कहा, क्या टीएमसी की संलिप्तता अभी तक साबित हुई है? न्यायपालिका और विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां कथित घटनाओं (राजनीतिक हिंसा की) की जांच कर रही हैं।
विस्तार
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। नड्डा ने नई दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन और वोट प्रतिशत में वृद्धि को रेखांकित करते हुए इनकी तुलना 2016 के विधानसभा चुनाव और 2014 तथा 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी के वोट प्रतिशत से की।
नड्डा ने यह भी कहा कि बंगाल में भाजपा की बढ़त जैसे भारतीय राजनीति में बहुत कम उदाहरण हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रॉय ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के इस तरह के दावे चुनावी पराजय से ध्यान भटकाने के प्रयास हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में भाजपा बिखर रही है और इस स्थिति से केंद्रीय नेतृत्व वाकिफ है।’’
रॉय ने संवाददाताओं से कहा, यदि आप कोलकाता में पिछले दो चरणों के उपचुनावों में भाजपा के प्रदर्शन को देखें, तो आप पाएंगे कि पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान 38 प्रतिशत से उनका वोट प्रतिशत घटकर 9-10 प्रतिशत हो गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह के बयानों के जरिए पश्चिम बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन सभी प्रयास बेकार जाएंगे। भगवा पार्टी को राज्य में हाल के उपचुनावों और इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।
जेपी नड्डा ने टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित राजनीतिक हिंसा पर भी कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तरफ से स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम चुप नहीं बैठने वाले हैं। हम बंगाल में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए लोकतांत्रिक तरीके से निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे और राज्य में कमल खिलेगा।’
रॉय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि भाजपा बंगाल में हुई छिटपुट घटना और स्थानीय विवाद को चुनाव के बाद की हिंसा बता रही है और इसके लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने कहा, क्या टीएमसी की संलिप्तता अभी तक साबित हुई है? न्यायपालिका और विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां कथित घटनाओं (राजनीतिक हिंसा की) की जांच कर रही हैं।