नसीरुद्दीन शाह
– फोटो : सोशल मीडिया
नसीरुद्दीन शाह ने मुगलों के अत्याचार को झूठा बताते हुए उन्हें रिफ्यूजी बताया। नसीरुद्दीन शाह ने कहा, मुगलों का इस देश में बहुत योगदान रहा है। उन्होंने कहा मुगलों ने ने देश में कई ऐतिहासिक स्मारक और गौरवशाली इतिहास दिया है। मुगलों ने संगीत, नृत्य और पेटिंग की परंपरा दी। हम तैमूर, नादिर शाह की बात नहीं करते हैं क्योंकि वे आए और लेटकर चले गए लेकिन मुगलों ने हमें लूटा नहीं वे यही रहे। मुगल यहां आए इसे अपना वतन बनाने। आप उन्हें चाहें तो शरणार्थी कह सकते हैं।
नसीरुद्दीन शाह
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शाह के इस बयान पर हंगामा मच गया है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा- मुगल पहले रिफ्यूजी बनकर आए और जो यहां के थे उन्हें ही रिफ्यूजी बना दिया। एक यूजर ने लिखा- आक्रमणकारी हमेशा आक्रमणकारी होते हैं। हम उन्हें अपने राष्ट्र निर्माता के रूप में नहीं गिन सकते। इन आक्रमणकारियों के आने से पहले हमारी शिक्षा व्यवस्था भी बहुत अच्छी थी। भारत सिर्फ उन्हीं इमारतों की वजह से मशहूर नहीं है।
नसीरुद्दीन शाह
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एक दूसरे यूजर ने लिखा, 2014 से पहले आपने केवल एक अभिनेता के रूप में ही सोचा। अपने धर्म पर कभी ध्यान ही नहीं दिया। और अब आपको डर लगा रहा। एक यूजर ने लिखा- ‘प्रवासी बेहतर शब्द होता ना कि शरणार्थी’ ‘इमारतें, संस्कृति, डांस, म्यूजिक, साहित्य मुगलों के नहीं हैं।
नसीरुद्दीन शाह
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जब नसीरुद्दीन शाह से पूछा गया कि ‘नरेंद्र मोदी के इंडिया’ में एक मुस्लिम होने के नाते क्या फीलिंग आती है। इसके जवाब में उन्होंने कहा-, ‘मुझे बहुत बुरा लगता है। यहां एक जोक भी नहीं सहा जाता है। मैं यहां असुरक्षित महसूस नहीं करता क्योंकि ये मेरा देश है। मुस्लिम हाशिए पर हैं और उन्हें बेकार बना दिया गया है। वे मुस्लिमों को सेकेंड क्लास सिटीजन बनाने के रास्ते पर हैं और ये हर क्षेत्र में हो रहा है।