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एंटीलिया केस: सचिन वाजे ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, नई दलील देकर मांगी राहत 

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Mon, 17 Jan 2022 11:03 PM IST

सार

सचिन वाजे ने अपनी अर्जी में केंद्र द्वारा पारित 2 सितंबर, 2021 के मंजूरी आदेश को रद्द करने और राहत देने की भी मांग की गई है।

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मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और एंटीलिया बम मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी को रद्द करने की मांग की। यह याचिका न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ के समक्ष आई, जिसने वाजे के वकील से कहा कि वे निर्णयों की प्रतियां उसके समक्ष रखें और मामले को 24 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। 

दिल्ली हाई कोर्ट में आवेदन को लेकर दी यह दलील
केंद्र ने याचिका को बनाए रखने पर इस आधार पर प्रारंभिक आपत्तियां उठाईं कि इसे बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष दायर किया जाना चाहिए था क्योंकि मामले से संबंधित सब कुछ मुंबई में हुआ था। वाजे के अधिवक्ता पुनीत बाली ने बताया कि यह दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायिक अधिकार क्षेत्र है क्योंकि मंजूरी आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पारित किया गया था, जो राष्ट्रीय राजधानी में स्थित है।

अधिवक्ता चैतन्य शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में आतंकवादी अधिनियम से संबंधित यूएपीए की धारा 15 (1) को खत्म करने की मांग की गई, जिसमें दावा किया गया कि यह अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) और 21 (जीवन और व्यक्तिगत की सुरक्षा) का उल्लंघन है।  

अर्जी में केंद्र द्वारा पारित 2 सितंबर, 2021 के मंजूरी आदेश को रद्द करने और राहत देने की भी मांग की गई है। गृह मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों वाली एक एसयूवी और व्यवसायी हिरेन मनसुख की हत्या के मामले में वाजे के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी।

विस्तार

मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और एंटीलिया बम मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी को रद्द करने की मांग की। यह याचिका न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ के समक्ष आई, जिसने वाजे के वकील से कहा कि वे निर्णयों की प्रतियां उसके समक्ष रखें और मामले को 24 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। 

दिल्ली हाई कोर्ट में आवेदन को लेकर दी यह दलील

केंद्र ने याचिका को बनाए रखने पर इस आधार पर प्रारंभिक आपत्तियां उठाईं कि इसे बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष दायर किया जाना चाहिए था क्योंकि मामले से संबंधित सब कुछ मुंबई में हुआ था। वाजे के अधिवक्ता पुनीत बाली ने बताया कि यह दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायिक अधिकार क्षेत्र है क्योंकि मंजूरी आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पारित किया गया था, जो राष्ट्रीय राजधानी में स्थित है।

अधिवक्ता चैतन्य शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में आतंकवादी अधिनियम से संबंधित यूएपीए की धारा 15 (1) को खत्म करने की मांग की गई, जिसमें दावा किया गया कि यह अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) और 21 (जीवन और व्यक्तिगत की सुरक्षा) का उल्लंघन है।  

अर्जी में केंद्र द्वारा पारित 2 सितंबर, 2021 के मंजूरी आदेश को रद्द करने और राहत देने की भी मांग की गई है। गृह मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों वाली एक एसयूवी और व्यवसायी हिरेन मनसुख की हत्या के मामले में वाजे के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी।

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