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आमची मुंबई : सीबीआई के 68 कर्मियों को हुआ कोरोना, टीका लेने वाले संक्रमित पांच दिन में हो रहे ठीक
सार
मुंबई में दूसरी लहर की तुलना में इस बार संक्रमण दर 12 फीसदी अधिक है लेकिन मृत्यु दर काफी कम है, जबकि रोजाना 20 हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन टीका लगवाने वाले मरीजों के भर्ती होने का आंकड़ा महज 4 फीसदी है।
प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुंबई कार्यालय के 68 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से बांग्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स में काम करने वाले 235 कर्मचारियों की कोविड जांच करवाने के लिए कहा गया था। इसके बाद 68 कर्मचारियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
कोरोनारोधी टीके की खुराक न लेने वालों के लिए कोविड-19 का ओमिक्रॉन स्वरूप घातक साबित हो रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मुंबई के अस्पतालों में 96 फीसदी ऐसे मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर है जिन्होंने अभी तक टीके की एक भी खुराक नहीं ली है। जबकि जिन्होंने कोरोनारोधी टीका लगवाया है उनमें अधिकांश लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। मुंबई में कोरोना की दूसरी लहर के हीरो रहे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त इकबाल सिंह चहल का कहना है कि बृहस्पतिवार तक अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड पर भर्ती 1900 कोरोना मरीजों में से 96 फीसदी मरीज ऐसे हैं जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है।
बीएमसी के पास 1150 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन का स्टॉक
कोरोना की दूसरी लहर में मुंबई में ऑक्सीजन के प्रबंधन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी बीएमसी की तारीफ की थी। इस बार भी बीएमसी ने पिछली बार की तुलना में तीन गुना अधिक 690 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था की है। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी कहते हैं कि इसके लिए हमने 1150 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन की व्यवस्था कर ली है। हालांकि मौजूदा समय में 10 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की भी आवश्यकता नहीं है। जबकि दूसरी लहर के दौरान प्रतिदिन 235 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत थी।
टीका लेने वाले संक्रमित पांच दिन में हो रहे ठीक
मुंबई में टीका लगवाने के बाद जो कोरोना संक्रमित हो रहे है उनमें से ऐसे बहुत कम मरीज हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। अगर मरीज भर्ती भी हो रहा है तो पांच दिन में उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। बीएमसी अधिकारियों के अनुसार मुंबई में लगभग पूरी पात्र आबादी को टीका लगाया जा चुका है, जबकि 89 फीसदी लोगों को कोरोनारोधी टीके की दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। बीएमसी आयुक्त चहल कहते हैं कि जिन्होंने दोनो खुराक ली है उन्हें न तो अस्पताल में भर्ती होने की और न ही ऑक्सीजन बेड की जरूरत पड़ रही है।
मुंबई में दूसरी लहर की तुलना में इस बार संक्रमण दर 12 फीसदी अधिक है लेकिन मृत्यु दर काफी कम है, जबकि रोजाना 20 हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन टीका लगवाने वाले मरीजों के भर्ती होने का आंकड़ा महज 4 फीसदी है।
मुंबई के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 35 हजार बेड की व्यवस्था है जिस पर मात्र 5900 मरीज हैं। जबकि 83 फीसदी बेड खाली हैं। आर्गनाइज मेडिसिन अकादमी गिल्ड के महासचिव व संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलाडा कहते हैं कि यद्यपि ओमिक्रॉन स्वरूप दूसरी लहर में कहर मचाने वाले डेल्टा स्वरूप से कम जानलेवा है।
फिर भी यह टीका नहीं लेने वालों के लिए खतरनाक है। इसलिए हर नागरिक को कोरोनारोधी टीका लगवाना बेहद जरूरी है। पहले अंदेशा था कि कोरोना की दूसरी लहर की तरह ही बुजुर्ग मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है लेकिन पिछले 16 दिनों में हर दिन औसतन एक मरीज की मौत हुई है।
विस्तार
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुंबई कार्यालय के 68 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से बांग्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स में काम करने वाले 235 कर्मचारियों की कोविड जांच करवाने के लिए कहा गया था। इसके बाद 68 कर्मचारियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
कोरोनारोधी टीके की खुराक न लेने वालों के लिए कोविड-19 का ओमिक्रॉन स्वरूप घातक साबित हो रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मुंबई के अस्पतालों में 96 फीसदी ऐसे मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर है जिन्होंने अभी तक टीके की एक भी खुराक नहीं ली है। जबकि जिन्होंने कोरोनारोधी टीका लगवाया है उनमें अधिकांश लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। मुंबई में कोरोना की दूसरी लहर के हीरो रहे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त इकबाल सिंह चहल का कहना है कि बृहस्पतिवार तक अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड पर भर्ती 1900 कोरोना मरीजों में से 96 फीसदी मरीज ऐसे हैं जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है।
बीएमसी के पास 1150 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन का स्टॉक
कोरोना की दूसरी लहर में मुंबई में ऑक्सीजन के प्रबंधन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी बीएमसी की तारीफ की थी। इस बार भी बीएमसी ने पिछली बार की तुलना में तीन गुना अधिक 690 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था की है। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी कहते हैं कि इसके लिए हमने 1150 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन की व्यवस्था कर ली है। हालांकि मौजूदा समय में 10 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की भी आवश्यकता नहीं है। जबकि दूसरी लहर के दौरान प्रतिदिन 235 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत थी।