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आपराधिक मानहानि मामला: सोनी पिक्चर्स के खिलाफ अंतरिम जांच पर लगी रोक
एजेंसी, मुंबई
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 24 Aug 2021 03:57 AM IST
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जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की पीठ ने ‘सोनी पिक्चर्स’ के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता शिरीष गुप्ते की इन दलीलों पर संज्ञान लिया कि कानून के अनुसार, आपराधिक मानहानि के मामले में जांच उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। मौजूदा मामले में, एक निरीक्षक कथित अपराधों की जांच कर रहा है।
गुप्ते ने कहा कि हाईकोर्ट के पिछले फैसले मौजूद हैं, जिनके अनुसार भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला संज्ञेय अपराध नहीं है और पुलिस को शिकायत मिलने के तुरंत बाद प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत नहीं है। फिर भी, पुणे पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के उल्लंघन करते हुए मामले की जांच कर रही है।
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जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की पीठ ने ‘सोनी पिक्चर्स’ के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता शिरीष गुप्ते की इन दलीलों पर संज्ञान लिया कि कानून के अनुसार, आपराधिक मानहानि के मामले में जांच उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। मौजूदा मामले में, एक निरीक्षक कथित अपराधों की जांच कर रहा है।
गुप्ते ने कहा कि हाईकोर्ट के पिछले फैसले मौजूद हैं, जिनके अनुसार भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला संज्ञेय अपराध नहीं है और पुलिस को शिकायत मिलने के तुरंत बाद प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत नहीं है। फिर भी, पुणे पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के उल्लंघन करते हुए मामले की जांच कर रही है।