डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Sat, 18 Dec 2021 07:45 PM IST
सार
देश में सबसे ज्यादा मामले केवाईसी यानी नो योर कस्टमर स्कैम के हैं। इसमें जालसाज बैंक, वॉलेट या डिजिटल पेमेंट सेवा का एग्जिक्युटिव बन कर केवाईसी डॉक्युमेंट्स के बारे में पूछते हैं। इस साल ट्रू-कॉलर ने 300 मिलियन यूज़र्स को 37.8 बिलियन स्पैम कॉल्स को पहचानकर उन्हें ब्लॉक करने में मदद की…
भारत में भी स्पैम कॉल के जरिए की जाने वाली ठगी और प्रताड़ना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौर में भी स्पैम कॉल्स की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। इस दौरान महज एक फोन नंबर से रोजाना छह लाख 64 हजार लोगों को स्पैम काल किए गए। जिससे हर घंटे करीब 27 हजार लोगों को परेशान किया गया। हर एक यूजर को औसतन हर महीने लगभग 17 स्पैम कॉल आते हैं, इनमें सबसे ज्यादा स्पैम काल सेल्स और टेलीमार्केटिंग के होते हैं।
ट्रू-कॉलर की वैश्विक स्पैम (अनचाही कॉल) रिपोर्ट 2021 के मुताबिक भारत में इस साल केवल एक स्पैमर ने 20.2 करोड़ से अधिक स्पैम कॉल्स की। इस वर्ष भारत स्पैम कॉल के मामलों में पिछले साल के मुकाबले नौवें स्थान से बढ़कर चौथे स्थान पर आ गया। जबकि इस साल भारत में सभी इनकमिंग कॉल में बिक्री से संबंधित कॉल की सभी श्रेणियों का हिस्सा बढ़कर 93.5 फीसदी हो गया। वित्तीय सेवाओं से संबंधित स्पैम कॉल की हिस्सेदारी 3.1 फीसदी, परेशान करने वाली कॉल की दो फीसदी और शेष 1.4 फीसदी हिस्सेदारी घोटालेबाजों की रही।
केवाईसी के नाम पर सबसे ज्यादा स्कैम
इस रिपोर्ट में सामने यह भी सामने आया कि देश में सबसे ज्यादा मामले केवाईसी यानी नो योर कस्टमर स्कैम के हैं। इसमें जालसाज बैंक, वॉलेट या डिजिटल पेमेंट सेवा का एग्जिक्युटिव बन कर केवाईसी डॉक्युमेंट्स के बारे में पूछते हैं। इस साल ट्रू-कॉलर ने 300 मिलियन यूज़र्स को 37.8 बिलियन स्पैम कॉल्स को पहचानकर ब्लॉक करने में मदद की।
कई यूजर्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्रू-कॉलर ने कहा कि स्कैमर्स वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी), ऑनलाइन सेल, लॉटरी के बहाने पीड़ितों को लक्षित करके एक विशिष्ट तरीके से काम करते हैं और उन्हें एक रिमोट एक्सेस एप डाउनलोड कराते हैं, जो संवेदनशील जानकारी को कैप्चर करता है, जिससे बैंकों, कार्डों और डिजिटल मोबाइल वॉलेट से तगड़ा नुकसान होता है। इसके जरिए बैंकों, कार्ड या डिजिटल मोबाइल वॉलेट से पैसा निकाल लिया जाता है। 2021 में स्पैम से सबसे ज्यादा प्रभावित देश ब्राजील है, जिसके बाद पेरू, यूक्रेन और भारत का स्थान है।
पूरी दुनिया में आए इतने स्पैम कॉल्स
ट्रू-कॉलर को दुनियाभर में 184.5 बिलियन कॉल्स और 586 बिलियन मैसेज मिले। इसमें से 37.8 बिलियन स्पैम कॉल्स की पहचान की गई और उन्हें ब्लॉक किया गया। वहीं 182 बिलियन स्पैम मैसेज की पहचान कर उन्हें ब्लॉक किया गया। ब्राजील को दुनियाभर में सबसे ज्यादा स्पैम कॉल्स मिलते हैं। ब्राजील में हर यूजर को प्रति माह औसतन 32.9 स्पैम कॉल्स मिलते हैं। यह लगातार चार सालों से स्पैम कॉल प्राप्त करने वाले देशों की सूची में शीर्ष पर है। स्पैम कॉल्स की इस लिस्ट में पेरू दूसरे स्थान पर है, जहां हर यूजर को प्रति माह औसतन 18.02 स्पैम कॉल्स आते हैं।
विस्तार
भारत में भी स्पैम कॉल के जरिए की जाने वाली ठगी और प्रताड़ना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौर में भी स्पैम कॉल्स की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। इस दौरान महज एक फोन नंबर से रोजाना छह लाख 64 हजार लोगों को स्पैम काल किए गए। जिससे हर घंटे करीब 27 हजार लोगों को परेशान किया गया। हर एक यूजर को औसतन हर महीने लगभग 17 स्पैम कॉल आते हैं, इनमें सबसे ज्यादा स्पैम काल सेल्स और टेलीमार्केटिंग के होते हैं।
ट्रू-कॉलर की वैश्विक स्पैम (अनचाही कॉल) रिपोर्ट 2021 के मुताबिक भारत में इस साल केवल एक स्पैमर ने 20.2 करोड़ से अधिक स्पैम कॉल्स की। इस वर्ष भारत स्पैम कॉल के मामलों में पिछले साल के मुकाबले नौवें स्थान से बढ़कर चौथे स्थान पर आ गया। जबकि इस साल भारत में सभी इनकमिंग कॉल में बिक्री से संबंधित कॉल की सभी श्रेणियों का हिस्सा बढ़कर 93.5 फीसदी हो गया। वित्तीय सेवाओं से संबंधित स्पैम कॉल की हिस्सेदारी 3.1 फीसदी, परेशान करने वाली कॉल की दो फीसदी और शेष 1.4 फीसदी हिस्सेदारी घोटालेबाजों की रही।
केवाईसी के नाम पर सबसे ज्यादा स्कैम
इस रिपोर्ट में सामने यह भी सामने आया कि देश में सबसे ज्यादा मामले केवाईसी यानी नो योर कस्टमर स्कैम के हैं। इसमें जालसाज बैंक, वॉलेट या डिजिटल पेमेंट सेवा का एग्जिक्युटिव बन कर केवाईसी डॉक्युमेंट्स के बारे में पूछते हैं। इस साल ट्रू-कॉलर ने 300 मिलियन यूज़र्स को 37.8 बिलियन स्पैम कॉल्स को पहचानकर ब्लॉक करने में मदद की।
कई यूजर्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्रू-कॉलर ने कहा कि स्कैमर्स वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी), ऑनलाइन सेल, लॉटरी के बहाने पीड़ितों को लक्षित करके एक विशिष्ट तरीके से काम करते हैं और उन्हें एक रिमोट एक्सेस एप डाउनलोड कराते हैं, जो संवेदनशील जानकारी को कैप्चर करता है, जिससे बैंकों, कार्डों और डिजिटल मोबाइल वॉलेट से तगड़ा नुकसान होता है। इसके जरिए बैंकों, कार्ड या डिजिटल मोबाइल वॉलेट से पैसा निकाल लिया जाता है। 2021 में स्पैम से सबसे ज्यादा प्रभावित देश ब्राजील है, जिसके बाद पेरू, यूक्रेन और भारत का स्थान है।
पूरी दुनिया में आए इतने स्पैम कॉल्स
ट्रू-कॉलर को दुनियाभर में 184.5 बिलियन कॉल्स और 586 बिलियन मैसेज मिले। इसमें से 37.8 बिलियन स्पैम कॉल्स की पहचान की गई और उन्हें ब्लॉक किया गया। वहीं 182 बिलियन स्पैम मैसेज की पहचान कर उन्हें ब्लॉक किया गया। ब्राजील को दुनियाभर में सबसे ज्यादा स्पैम कॉल्स मिलते हैं। ब्राजील में हर यूजर को प्रति माह औसतन 32.9 स्पैम कॉल्स मिलते हैं। यह लगातार चार सालों से स्पैम कॉल प्राप्त करने वाले देशों की सूची में शीर्ष पर है। स्पैम कॉल्स की इस लिस्ट में पेरू दूसरे स्थान पर है, जहां हर यूजर को प्रति माह औसतन 18.02 स्पैम कॉल्स आते हैं।
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