टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Thu, 25 Nov 2021 05:13 PM IST
सार
भारतीय संसदीय पैनल 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसदीय सत्र में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिकंजा कसने के लिए नई रेगुलेटरी बॉडी बनाने की सिफारिश करेगी।
सोशल मीडिया को लेकर भारत में कानून तो बन गया है और कानून लागू भी हो गया है लेकिन आए दिन फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से शिकायत आती रहती हैं। इनमें से अधिकतर शिकायतें डाटा लीक और डाटा के गलत इस्तेमाल को लेकर आती हैं। इसके अलावा यूजर्स की ट्रैकिंग को लेकर भी लगातार शिकायतें आती हैं। अधिकतर यूजर्स की शिकायत रहती है कि जैसे ही वे अपने फोन के ब्राउजर में कुछ सर्च करते हैं तो तुरंत उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर उस सर्च से संबंधित विज्ञापन आने लगते हैं।
इसे देखते हुए अब भारतीय संसदीय पैनल 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसदीय सत्र में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिकंजा कसने के लिए नई रेगुलेटरी बॉडी बनाने की सिफारिश करेगी। नए नियम को तोड़ने वाली कंपनियों पर कमाई का 4 फीसदी तक लगाने का भी प्रावधान होगा। संसदीय पैनल का कहना है कि भारतीय मीडिया के लिए जिस तरह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया है, उसी तरह सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी की जरूरत है।
सूचना मंत्री ने कहा- कंटेंट को बारिकी से फिल्टर करें सोशल मीडिया कंपनियां
केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा है कि तमाम विकास के बाद भी आज भारत में प्रत्येक लोग लिखी हुई बातों को सच मान लेते हैं। सोशल मीडिया पर हर दिन लाखों फर्जी कंटेंट वायरल हो रहे हैं जिन्हें लोग सच मान रहे हैं। ऐसे में इस पर लगाम लगाने की जरूरत है।
विस्तार
सोशल मीडिया को लेकर भारत में कानून तो बन गया है और कानून लागू भी हो गया है लेकिन आए दिन फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से शिकायत आती रहती हैं। इनमें से अधिकतर शिकायतें डाटा लीक और डाटा के गलत इस्तेमाल को लेकर आती हैं। इसके अलावा यूजर्स की ट्रैकिंग को लेकर भी लगातार शिकायतें आती हैं। अधिकतर यूजर्स की शिकायत रहती है कि जैसे ही वे अपने फोन के ब्राउजर में कुछ सर्च करते हैं तो तुरंत उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर उस सर्च से संबंधित विज्ञापन आने लगते हैं।
इसे देखते हुए अब भारतीय संसदीय पैनल 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसदीय सत्र में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिकंजा कसने के लिए नई रेगुलेटरी बॉडी बनाने की सिफारिश करेगी। नए नियम को तोड़ने वाली कंपनियों पर कमाई का 4 फीसदी तक लगाने का भी प्रावधान होगा। संसदीय पैनल का कहना है कि भारतीय मीडिया के लिए जिस तरह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया है, उसी तरह सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी की जरूरत है।
सूचना मंत्री ने कहा- कंटेंट को बारिकी से फिल्टर करें सोशल मीडिया कंपनियां
केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा है कि तमाम विकास के बाद भी आज भारत में प्रत्येक लोग लिखी हुई बातों को सच मान लेते हैं। सोशल मीडिया पर हर दिन लाखों फर्जी कंटेंट वायरल हो रहे हैं जिन्हें लोग सच मान रहे हैं। ऐसे में इस पर लगाम लगाने की जरूरत है।
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