सार
ई-वे बिल जनरेट होने के अगले महीने में ही कर वसूली के आंकड़े सामने आते हैं। बोर्ड ने कर अधिकारियों को फर्जी इनवॉयस गलत आईटीसी क्लेम पर निगाह रखने का निर्देश दिया है।
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सीबीआईसी के अनुसार, अक्तूबर में 7.35 करोड़ ई-बिल जनरेट किए गए। यह जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद सबसे ज्यादा है। इससे पहले मार्च, 2021 में 7.12 करोड़ ई-बिल जनरेट हुआ था। इसके बाद अप्रैल में जीएसटी वसूली रिकॉर्ड 1.41 लाख करोड़ रही थी।
दरअसल, ई-वे बिल जनरेट होने के अगले महीने में ही कर वसूली के आंकड़े सामने आते हैं। बोर्ड ने कर अधिकारियों को फर्जी इनवॉयस गलत आईटीसी क्लेम पर निगाह रखने का निर्देश दिया है।
अक्तूबर में कोरोना पूर्व स्तर से भी ज्यादा वसूली
अक्तूबर में जीएसटी संग्रह 1.3 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की समान अवधि से 34 फीसदी ज्यादा था। इतना ही नहीं कोविड पूर्व अक्तूबर महीने की तुलना में यह 36 फीसदी अधिक रहा।
हालांकि, अक्तूबर में कई कारोबारियों ने अपने तिमाही रिटर्न दाखिल किए और बकाया भुगतान भी चुकाया, जिससे जीएसटी के आंकड़ों में वृद्धि हुई। कर बोर्ड ने कहा है कि अधिकारी पर्याप्त निगरानी करते हैं, तो इस बार जीएसटी संग्रह पिछले रिकॉर्ड से आगे निकल सकता है।
जीएसटी पर मंत्री समूह की बैठक टली
जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर रहे राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति की बैठक टाल दी गई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाले दर युक्तिकरण संबंधी मंत्री समूह (जीओएम) में पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल और बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद शामिल हैं।
इसकी अब तक दो बार बैठक हो चुकी है और जीएसटी दर और स्लैब में बदलाव के संबंध में फिटमेंट कमेटी की सिफारिशों पर विचार करने के लिए 27 नवंबर को बैठक होनी थी। सूत्रों ने बताया कि बैठक स्थगित कर दी गई है और मंत्री समूह अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद को सौंपेगा।
