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सिडबी के आंकड़े: लोन इन 59 मिनट योजना से एमएसएमई को 78,409 करोड़ मिले

सिडबी के आंकड़े: लोन इन 59 मिनट योजना से एमएसएमई को 78,409 करोड़ मिले

एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Mon, 11 Oct 2021 04:13 AM IST

सार

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने रविवार को बताया कि पिछले एक साल में कर्ज बांटने में 17 फीसदी वृद्धि हुई है।

सांकेतिक तस्वीर….
– फोटो : अमर उजाला

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सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को जल्द कर्ज दिलाने के लिए शुरू हुई लोन इन 59 मिनट योजना के जरिये अब तक 78,409 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं।

सिडबी के अनुसार, नवंबर 2018 में शुरू हुई योजना के तहत 31 अगस्त, 2020 तक 2,12,091 एमएसएमई को 66,991 करोड़ रुपये दिए गए थे। 30 सितंबर, 2021 तक 2,34,905 आवेदकों को कुल 78,409 करोड़ बांटे जा चुके हैं।

इस तरह, एक साल में 11,418 करोड़ का कर्ज इस योजना के तहत बांटा गया। यानी, पिछले एक साल में करीब 17 फीसदी ज्यादा राशि 59 मिनट योजना के तहत बांटी गई। 

एमएसएमई पर कुल 13.25 लाख करोड़ का कर्ज
रिजर्व बैंक के अनुसार, 31 अगस्त 2021 तक एमएसएमई पर बैंकों की ओर से दिए गए कुल 13.25 लाख करोड़ का कर्ज है। इसमें से 4.8 फीसदी कर्ज 59 मिनट योजना के तहत बांटा गया है। सबसे ज्यादा करीब 85 फीसदी हिस्सेदारी सूक्ष्म और लघु उद्योगों की है। इन दोनों उद्यमों पर 11.10 लाख करोड़ का कर्ज है, जबकि मझोले उद्यमों ने महज 2.15 लाख करोड़ का कर्ज लिया है।

विस्तार

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को जल्द कर्ज दिलाने के लिए शुरू हुई लोन इन 59 मिनट योजना के जरिये अब तक 78,409 करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं।

सिडबी के अनुसार, नवंबर 2018 में शुरू हुई योजना के तहत 31 अगस्त, 2020 तक 2,12,091 एमएसएमई को 66,991 करोड़ रुपये दिए गए थे। 30 सितंबर, 2021 तक 2,34,905 आवेदकों को कुल 78,409 करोड़ बांटे जा चुके हैं।

इस तरह, एक साल में 11,418 करोड़ का कर्ज इस योजना के तहत बांटा गया। यानी, पिछले एक साल में करीब 17 फीसदी ज्यादा राशि 59 मिनट योजना के तहत बांटी गई। 

एमएसएमई पर कुल 13.25 लाख करोड़ का कर्ज

रिजर्व बैंक के अनुसार, 31 अगस्त 2021 तक एमएसएमई पर बैंकों की ओर से दिए गए कुल 13.25 लाख करोड़ का कर्ज है। इसमें से 4.8 फीसदी कर्ज 59 मिनट योजना के तहत बांटा गया है। सबसे ज्यादा करीब 85 फीसदी हिस्सेदारी सूक्ष्म और लघु उद्योगों की है। इन दोनों उद्यमों पर 11.10 लाख करोड़ का कर्ज है, जबकि मझोले उद्यमों ने महज 2.15 लाख करोड़ का कर्ज लिया है।

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