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साइबर क्राइम: यूपीआई लेनदेन करते समय रहे अलर्ट, ये छह तरीके बचाएंगे आपको धोखाधड़ी से

साइबर क्राइम: यूपीआई लेनदेन करते समय रहे अलर्ट, ये छह तरीके बचाएंगे आपको धोखाधड़ी से

सार

अगर लेनदेन के दौरान लापरवाही करते हैं तो वित्तीय धोखाधड़ी के लिए यह आसान लक्ष्य बन जाता है।

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केंद्र सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में यूपीआई के इस्तेमाल पर प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। इससे लेनदेन की प्रतिपूर्ति के लिए 1,300 करोड़ का प्रावधान भी किया है। अगर आप भी लेनदेन के लिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंडरफेस) का इस्तेमाल करते हैं तो फर्जीवाड़े से बचने के लिए सतर्क रहें।

साइबर सुरक्षा की लगातार बढ़ी रहीं चुनौतियों के बीच स्मार्टफोन के जरिये किए जाने वाले लेनदेन में ज्यादा सतर्कता जरूरी है क्योंकि आपका मोबाइल फोन वर्चुअल मनी वॉलेट बन जाता है। अगर लेनदेन के दौरान लापरवाही करते हैं तो वित्तीय धोखाधड़ी के लिए यह आसान लक्ष्य बन जाता है। ऐसे में वित्तीय लेनदेनों को सुगम बनाने के लिए मोबाइल एप के इस्तेमाल के समय सजग रहना और सुरक्षा संबंधी तरीकों का पालन करना जरूरी हो जाता है । अगर आप यूपीआई लेनदेन के दौरान छह बातों का ध्यान रखते हैं तो फर्जीवाड़ा की आशंका कम हो जाती है।

यूपीआई एक्सेस को सुरक्षित रखें
 यूपीआई लेनदेन के लिए यूपीआई एड्रेस शेयर किया जाता है। यह आपका मोबाइल नंबर हो सकता है । ध्यान देने वाली बात है कि कोई भी आपके एप के जरिये यूपीआई खाते को एक्सेस न कर सके । इसके लिए आप एक मजबूत स्क्रीन लॉक पासवर्ड और पेमेंट पिन सेट कर सकते हैं । किसी भी तरह के संदेह होने पर अपने पासवर्ड एवं पिन को बदल दें ।

 स्क्रीन साझा करने वाले एप से दूर रहें … 
यूपीआई एप की एक्सेस स्क्रीन शेयरिंग एप को न दें क्योंकि पासवर्ड, पिन, ओटीपी लीक होने का खतरा होता है। बचने के लिए सेटिंग्स में जाकर स्क्रीन शेयरिंग एप के लिए खुली छूट को डिसेबल कर सकते हैं।

 पंजीकृत नाम को सत्यापित करें 
यूपीआई लेनदेन से पहले पैसे पाने वाले का सत्यापन करें। यूपीआई एप से क्यूआर कोड स्कैन करने या मैन्युअली नंबर डालने पर उसका पंजीकृत नाम स्क्रीन पर आ जाता है। लेनदेन से पहले व्यक्ति से पूछें कि पंजीकृत नाम सही है।

 मोबाइल नंबर पर न भेजें पैसा … 
पैसा भेजते समय रिसीवर से यूपीआई आईडी या क्यूआर कोड मांगें मोबाइल नंबर पर पैसे भेजते समय गलत नंबर टाइप होने की आशंका रहती है । इससे बचने के लिए पहले 1 रुपये भेज सकते हैं । खाते का सत्यापन भी हो जाता है। 

एप को करते रहें अपडेट … 
सुरक्षित लेनदेन के लिए आप अपने यूपीआई एप को नियमित रूप से अपडेट करते रहें। इसमें सुरक्षा अपग्रेड्स शामिल होते हैं, जो आपके एप को इस्तेमाल के लिए सुरक्षित बनाते हैं। साथ ही सुरक्षा के साथ समझौता करने से बचे रहते हैं।

बहुत सारे एप का न करें इस्तेमाल … 
भुगतान या लेनदेन के संबंध में कोई समस्या आने पर हेल्प सेंटर की मदद से यूपीआई एप पर तत्काल इस मुद्दे को उठाएं। यूपीआई से सुरक्षित लेनदेन के लिए बहुत सारे एप का इस्तेमाल करें। इंटरोऑपरेबिलिटी (अंतर – संचालनीयता) की वजह से एक यूपीआई एप सभी डिजिटल लेनदेन के लिए पर्याप है। विभिन्न प्लेटफॉर्म, बैंक या एप पर भुगतान में रूकावट नहीं आती है। आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंकबाजार

विस्तार

केंद्र सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में यूपीआई के इस्तेमाल पर प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। इससे लेनदेन की प्रतिपूर्ति के लिए 1,300 करोड़ का प्रावधान भी किया है। अगर आप भी लेनदेन के लिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंडरफेस) का इस्तेमाल करते हैं तो फर्जीवाड़े से बचने के लिए सतर्क रहें।

साइबर सुरक्षा की लगातार बढ़ी रहीं चुनौतियों के बीच स्मार्टफोन के जरिये किए जाने वाले लेनदेन में ज्यादा सतर्कता जरूरी है क्योंकि आपका मोबाइल फोन वर्चुअल मनी वॉलेट बन जाता है। अगर लेनदेन के दौरान लापरवाही करते हैं तो वित्तीय धोखाधड़ी के लिए यह आसान लक्ष्य बन जाता है। ऐसे में वित्तीय लेनदेनों को सुगम बनाने के लिए मोबाइल एप के इस्तेमाल के समय सजग रहना और सुरक्षा संबंधी तरीकों का पालन करना जरूरी हो जाता है । अगर आप यूपीआई लेनदेन के दौरान छह बातों का ध्यान रखते हैं तो फर्जीवाड़ा की आशंका कम हो जाती है।

यूपीआई एक्सेस को सुरक्षित रखें

 यूपीआई लेनदेन के लिए यूपीआई एड्रेस शेयर किया जाता है। यह आपका मोबाइल नंबर हो सकता है । ध्यान देने वाली बात है कि कोई भी आपके एप के जरिये यूपीआई खाते को एक्सेस न कर सके । इसके लिए आप एक मजबूत स्क्रीन लॉक पासवर्ड और पेमेंट पिन सेट कर सकते हैं । किसी भी तरह के संदेह होने पर अपने पासवर्ड एवं पिन को बदल दें ।

 स्क्रीन साझा करने वाले एप से दूर रहें … 

यूपीआई एप की एक्सेस स्क्रीन शेयरिंग एप को न दें क्योंकि पासवर्ड, पिन, ओटीपी लीक होने का खतरा होता है। बचने के लिए सेटिंग्स में जाकर स्क्रीन शेयरिंग एप के लिए खुली छूट को डिसेबल कर सकते हैं।

 पंजीकृत नाम को सत्यापित करें 

यूपीआई लेनदेन से पहले पैसे पाने वाले का सत्यापन करें। यूपीआई एप से क्यूआर कोड स्कैन करने या मैन्युअली नंबर डालने पर उसका पंजीकृत नाम स्क्रीन पर आ जाता है। लेनदेन से पहले व्यक्ति से पूछें कि पंजीकृत नाम सही है।

 मोबाइल नंबर पर न भेजें पैसा … 

पैसा भेजते समय रिसीवर से यूपीआई आईडी या क्यूआर कोड मांगें मोबाइल नंबर पर पैसे भेजते समय गलत नंबर टाइप होने की आशंका रहती है । इससे बचने के लिए पहले 1 रुपये भेज सकते हैं । खाते का सत्यापन भी हो जाता है। 

एप को करते रहें अपडेट … 

सुरक्षित लेनदेन के लिए आप अपने यूपीआई एप को नियमित रूप से अपडेट करते रहें। इसमें सुरक्षा अपग्रेड्स शामिल होते हैं, जो आपके एप को इस्तेमाल के लिए सुरक्षित बनाते हैं। साथ ही सुरक्षा के साथ समझौता करने से बचे रहते हैं।

बहुत सारे एप का न करें इस्तेमाल … 

भुगतान या लेनदेन के संबंध में कोई समस्या आने पर हेल्प सेंटर की मदद से यूपीआई एप पर तत्काल इस मुद्दे को उठाएं। यूपीआई से सुरक्षित लेनदेन के लिए बहुत सारे एप का इस्तेमाल करें। इंटरोऑपरेबिलिटी (अंतर – संचालनीयता) की वजह से एक यूपीआई एप सभी डिजिटल लेनदेन के लिए पर्याप है। विभिन्न प्लेटफॉर्म, बैंक या एप पर भुगतान में रूकावट नहीं आती है। आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंकबाजार

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