बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 05 Apr 2022 05:53 PM IST
सार
कार्पोरेट मामलों के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में ब्योरा साझा करते हुए कहा कि पिछले सात साल में विभिन्न कंपनियों द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कोष (सीएसआर) के तहत करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और उनका महज चार से पांच प्रतिशत ही पीएम केयर्स फंड में दिया गया है।
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विस्तार
पूर्वोत्तर में सबसे कम राशि खर्च हुई
कार्पोरेट मामलों के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में इसका ब्योरा साझा किया है। उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में विभिन्न कंपनियों द्वारा सीएसआर के तहत जो राशि खर्च की गई है, उसका मात्र चार से पांच प्रतिशत हिस्सा ही पीएम केयर्स फंड में दिया गया है। यह राशि भी कोविड-19 महामारी के दौरान दी गई थी। मंत्री ने कहा कि सीएसआर कोष के तहत कुछ राज्यों में राशि ज्यादा खर्च हुई है और पूर्वोत्तर में इस कोष के तहत खर्च हुई राशि काफी कम है। नगालैंड में तो महज आठ करोड़ रुपये की राशि ही खर्च की गई है।
सरकार दे रही इस दिशा में जोर
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सीएसआर कोष से खर्च करने के लिए क्षेत्र की बाध्यता नहीं है और यह देश में कहीं भी खर्च किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार इस संबंध में कंपनियों को निर्देश नहीं दे सकती कि वह राशि कहां खर्च करनी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा कंपनी कानून में इस बात का प्रावधान है कि कंपनी स्थानीय क्षेत्र तथा अपने परिचालन के आस-पास के क्षेत्रों को वरीयता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर है कि सार्वनजिक क्षेत्र के उपक्रम सीएसआर के तहत अपनी 60 प्रतिशत राशि पिछड़े व आकांक्षी जिलों में खर्च करें।
